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November 2, 2024 12:52 pm

मंत्री से भगवान बनकर भवसागर से पार उतारने वाले मंत्री संजय निषाद जी की आरती देखिए …वीडियो ? देखकर आप कहेंगे,आत्ममुग्धता की हद है

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राकेश तिवारी की रिपोर्ट 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी  के अध्यक्ष संजय निषाद का वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कार्यकर्ता संजय निषाद की आरती  करते दिखाई दे रहे हैं। संजय निषाद सोफे पर संत की तरह बैठे हैं और गले में फूलों की माला है। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मनोज काका ने ट्विटर पर इसका वीडियो शेयर किया है। यूजर्स इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सपा प्रवक्ता मनोज काका ने संजय निषाद के इस वीडियो को ट्विटर पर शेयर करते हुए लिखा, ‘यूपी सरकार में मंत्री से भगवान बनकर भवसागर से पार उतारने वाले मंत्री संजय निषाद जी… आरती आत्ममुग्धता की हद है।’ इस वीडियो पर ट्विटर यूजर्स भी तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई यूजर्स जहां संजय निषाद को आधुनिक समय में नया भगवान बता रहे हैं तो कई यूजर्स ऐसे भी हैं, जो संजय निषाद के समाज हित के कार्यों का हवाला देकर उनकी पूजा को सही बता रहे हैं। कई यूजर्स का ऐसा भी कहना है कि यह आरती गुरु पूर्णिमा की होगी क्योंकि गुरु पूर्णिमा पर शिष्य अपने गुरु को इसी तरह पूजते हैं।

 

सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्री संजय निषाद को छह साल पहले तक निषाद समुदाय और इनके लिए काम करने वाले कुछ ही लोग जानते थे। उन्होंने 2013 में निषाद पार्टी बनाई थी। उन्होंने मछुआ समुदाय की 553 जातियों को एक मंच पर लाए और उनके हितों की लड़ाई शुरू कर दी। 2017 के विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी ने पीस पार्टी के साथ गठबंधन किया और 72 सीटों पर चुनाव लड़ी।

हालांकि निषाद पार्टी को सिर्फ ज्ञानपुर सीट पर ही जीत मिली। संजय निषाद स्वयं भी गोरखपुर ग्रामीण सीट से हार गए थे। 2022 के चुनाव से पहले संजय निषाद ने खुद को उपमुख्यमंत्री पद का दावेदार बताकर बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी थी, लेकिन बाद में बिना किसी शर्त के चुनाव लड़ने को राजी हो गए। इसकी फलस्वरूप संजय निषाद को योगी मंत्रिमंडल में जगह मिली और कैबिनेट मंत्री बने। राजनीति में आने से पहले भी उन्होंने समाजसेवा के लिए अहम कार्य किए।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."