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6 February 2025 6:30 pm

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आज उत्तर प्रदेश विधान परिषद हो जाएगा कांग्रेस मुक्त, पढ़िए इस खबर को

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

लखनऊ। 135 साल में पहली बार ऐसा होगा जब विधान परिषद में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व ही नहीं होगा। दरअसल ब्रिटिश राज के दौरान वर्ष 1935 में स्थापित विधानपरिषद में फिलहाल कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह बचे हैं। जिनका कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है, जिसके बाद यूपी के उच्च सदन में कांग्रेस की राय रखने के लिए कोई एमएलसी नहीं बचेगा।

आज विधान परिषद से नौ सदस्य रिटायर होंगे। इनमें से 6 सदस्य सपा के हैं, 3 बसपा और एक कांग्रेस के हैं। जबकि रिटायमेंट में दो सदस्य भाजपा से भी शामिल हैं। लेकिन ये दोनों सदस्य उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पंचायतीराज मंत्री चौधरी भूपेन्द्र सिंह फिर से विधान परिषद के चुनाव में विजयी होकर सदन के सदस्य हो गए हैं। हालांकि सपा के जगजीवन प्रसाद, बलराम यादव, डा.कमलेश कुमार पाठक, रणविजय सिंह, राम सुन्दर दास निषाद और शतरूद्र प्रकाश का कार्यकाल बुधवार को खत्म हो खत्म हो जाएगा। वहीं बसपा के अतर सिंह राव, सुरेश कुमार कश्यप और दिनेश चन्द्रा भी रिटायर हो रहे हैं। जबकि कांग्रेस के दीपक सिंह भी अब विधान परिषद के सदस्य नहीं रहेंगे।

गौरतलब है कि प्रदेश में विधान परिषद की स्थापना 5 जनवरी 1887 को हुई थी। तब इसके 9 सदस्य हुआ करते थे। 1909 में बनाए गए प्रावधानों के तहत सदस्य संख्या बढ़ाकर 46 कर दी गई, जिनमें गैर सरकारी सदस्यों की संख्या 26 रखी गई। इन सदस्यों में से 20 निर्वाचित और 6 मनोनीत होते थे। मोती लाल नेहरू ने 7 फरवरी 1909 को विधान परिषद की सदस्यता ली। उन्हें विधान परिषद में कांग्रेस का पहला सदस्य माना जाता है। हालांकि, 1920 में कांग्रेस की सरकार के साथ असहयोग की नीति के तहत उन्होंने सदस्यता त्याग दी थी। तब यूपी को संयुक्त प्रांत के नाम से जाना जाता था।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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