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November 26, 2024 4:21 am

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नाम हुआ बदनाम; दरोगा गिरी रास आई नहीं तो करने लगी सैक्स रैकेट और हनीट्रेप जैसी कारोबार

16 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

कानपुर। हनीट्रैप कांड में अलीगढ़ निवासी महिला दरोगा समेत तीन आरोपितों को शनिवार को स्पेशल रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट से जेल भेज दिया। जांच में खुलासा हुआ है कि सेक्स रैकेट, हनीट्रैप और वसूली को लेकर पूरी प्लानिंग से काम किया गया था। इस मामले में पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। इसमें पहली रतनपुर चौकी इंचार्ज पंकज कुमार ने वादी बनकर दर्ज कराई है। इसमें सेक्स रैकेट संचालिका, सचेंडी निवासी दो युवतियां, छेरिया सलेमपुर जालौन निवासी चचेरे भाई उपेंद्र और अमित सिंह को आरोपित बनाया गया है। इसके मुताबिक इंस्पेक्टर फीलखाना अमित भड़ाना ने रामगंगा एनक्लेव अपार्टमेंट रतनपुर पनकी के ब्लॉक 5 में सेक्स रैकेट की जानकारी दी जिसके बाद चौकी इंचार्ज ने छापा मारा। 

वहां पर सिर्फ उपेंद्र व अमित ही मिले। लड़कियां फरार हो चुकी थीं। रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे जिले की पुलिस ने भी 3-4 दिन पहले फ्लैट में छापा मारा था। तब लोगों ने महिलाओं और पुलिस को साथ देखा था। दूसरी एफआईआर स्वरूप नगर के एडवोकेट धर्मेंद्र सिंह की तरफ से दर्ज कराई गई। इसमें दरोगा भुवनेश्वरी सिंह, होमगार्ड संजीव विश्वकर्मा, माता प्रसाद गुप्ता व राहुल शुक्ला को आरोपित बनाया है। इसमें पुलिस ने लूट, बंधक बनाने की रिपोर्ट दर्ज की है।

बॉक्सिंग खिलाड़ी रह चुकी

भुवनेश्वरी स्पोर्ट्स में भी रही है। अलीगढ़ में पढ़ाई के दौरान वह एथेलिटिक्स में रही। बाद में मार्शल आर्ट से जुड़ गई। फिर बाक्सिंग में रुचि दिखाई। 2000 से उसने बॉक्सिंग खेलना शुरू कर दिया। वह स्टेट स्तर पर बाक्सिंग टीम से खेली। 2006 तक प्रदेश स्तर पर बाक्सिंग खेलने के बाद राष्ट्रीय टीम में चुनी गई। वसूली के लिए महिला दरोगा भुवनेश्वरी देवी ने यह कदम नहीं उठाया होता तो थोड़े ही समय में प्रमोशन पाकर इंस्पेक्टर होने वाली थी। दरोगा की फाइल डीजीपी कार्यालय से पुलिस हेड क्वार्ट्स पहुंच चुकी थी। इस घटना के बाद उसका प्रमोशन रुक जाएगा। अपराध की पुष्टि हो।

शासन की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद ऐसे पुलिस कर्मियों की सूची तैयार की गई जो सन 2013 में दरोगा हो गए थे। उन्हीं में भुवनेश्वरी सिंह की फाइल भी शामिल थी। यहां पर सारी लिखापढ़ी करने के बाद फाइल को डीजीपी कार्यालय भेजा गया था। वहां पर फाइल की पूरी समीक्षा होने के बाद प्रमोशन के लिए पुलिस हेडक्वाटर्स फाइल भेज दी गई थी। कुछ समय में वहां से संस्तुति के बाद भुवनेश्वरी सिंह इंस्पेक्टर हो जाती। सूत्रों ने बताया कि दरोगा को वीरता के लिए रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार मिला था। उसके प्रमोशन के लिए इस पुरस्कार का जिक्र फाइल में किया गया था।

कुछ बड़े गुडवर्क

– वर्ष 2018 में भुवनेश्वरी ने असलहा फैक्ट्री पकड़ी थी

– सन 2021 में वह मुंबई से एक शातिर अपराधी को रिमांड कस्टडी पर लेकर कानपुर आई थी

– कोहना और चकेरी में तैनाती के दौरान वाहन चोरी करने वाले गिरोह को पकड़ा था

– जेल चौकी इंचार्ज के दौरान कई शातिरों के बारे में पुलिस को जानकारियां दी थीं

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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