मोहन द्विवेदी की विशेष रिपोर्ट
बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। इसके लिए उसने द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का चुनाव किया है। मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। राज्यों और केंद्र में जिस तरह की स्थितियां हैं, उससे एनडीए के उम्मीदवार का राष्ट्रपति बनना तकरीबन तय है। विपक्ष की ओर से देश के सबसे बड़े पद के लिए मंगलवार को ही पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नाम की घोषणा की गई। अगर मुर्मू मुकाबले में सफल हुईं तो वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी।
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) नाम देश की पहली आदिवासी महिला गवर्नर का तमगा भी है। 2015-2021 के बीच वह झारखंड की गवर्नर रही हैं। 20 जून 1958 में जन्मीं मुर्मू की पढ़ाई-लिखाई भुवनेश्वर के रमादेवी वुमेंस कॉलेज से हुई है। वह स्नातक हैं। उनके पति श्याम चरण मुर्मू इस दुनिया में नहीं हैं। उनके एक बेटी है। उसका नाम इतिश्री मुर्मू है। इतिश्री का विवाह हो चुका है।
2013 से 2015 तक मुर्मू बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहीं। 2010 में उन्होंने मयूरभंज (पश्चिम) से बीजेपी की जिला अध्यक्ष की कमान संभाली। उन्हें 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 2006-2009 के बीच वह बीजेपी की एस.टी. मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं। 2004-2009 के बीच द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ओडिशा के रायरंगपुर से विधानसभा सदस्य थीं। 2002-2009 के बीच मुर्मू ने बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर एस.टी. मोर्चा की जिम्मेदारी संभाली। 2000-2004 के बीच वह ओडिशा सरकार में परिवहन और वाणिज्य विभाग की मंत्री रही हैं। 2002-2004 के बीच उन्होंने ओडिशा सरकर के पशुपालन विभाग की जिम्मेदारी संभाली। 1997 में वह पार्षद बनीं और रायरंगपुर की वाइस-चेयरपर्सन नियुक्त की गईं।
द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) को NDA की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘मुझे विश्वास है कि वह एक महान राष्ट्रपति होंगी।’ पीएम ने लिखा, द्रौपदी मुर्मू ने अपना जीवन समाज की सेवा में समर्पित किया है। उन्होंने गरीबों, दलितों के साथ हाशिए के लोगों को सशक्त बनाने के लिए अपनी ताकत झोंक दी। उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव है और उनका कार्यकाल उत्कृष्ट रहा है। विश्वास है कि वह देश की एक महान राष्ट्रपति होंगी। लाखों लोग, विशेष रूप से जिन्होंने गरीबी का अनुभव किया है और कठिनाइयों का सामना किया है, वो मुर्मू के जीवन से बड़ी शक्ति प्राप्त करते हैं। नीतिगत मामलों की उनकी समझ और दयालु स्वभाव से देश को बहुत लाभ होगा।
हैरानी की बात ये है कि इतने बड़े पद के लिए उम्मीदवार चुने जाने से पहले पहले खुद द्रौपदी मुर्मु को इस बात की जानकारी नहीं थी। मंगलवार को राजधानी दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि एनडीए (NDA) की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए उम्मदीवार घोषित किया गया है।
द्रौपदी मुर्मू ने रायरंगपुर में अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘मैं आश्चर्यचकित और खुश हूं। मयूरभंज जिले से आने वाली एक आदिवासी महिला के रूप में मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इस पद का उम्मीदवार बनाया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि राजग सरकार ने आदिवासी महिला का चयन कर के भाजपा के नारे ‘सबका साथ सबका विश्वास’ को सिद्ध कर दिया है।
मुर्मू ने कहा, ‘मुझे आशा है कि मुझे ओडिशा के सभी विधायकों और सांसदों का समर्थन प्राप्त होगा।’ राष्ट्रपति चुनाव (President Election) के लिए इलेक्टोरल कॉलेज में बीजद के पास 2।8 प्रतिशत से ज्यादा मत हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं इस प्रदेश की बेटी हूं। मुझे एक ओड़िया होने के नाते सबसे यह अनुरोध करने का अधिकार है कि मेरा समर्थन करें।’
मुर्मू ने कहा, ‘मुझे इस अवसर की आशा नहीं थी। मैं पड़ोसी राज्य झारखंड की राज्यपाल बनने के बाद छह साल से भी ज्यादा वक्त से राजनीतिक कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रही थी। आशा करती हूं सभी मेरा साथ देंगे।’ द्रौपदी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद उनके पैतृक मयूरभंज जिले में खुशी का माहौल है।’ बड़ी संख्या में लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।’
Author: samachar
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