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23 February 2025 8:27 pm

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पेरोल पर रिहा हुआ गुरमीत राम रहीम, हनीप्रीत के साथ पहुंचा बागपत, देखिए वीडियो ? राम रहीम ने क्या कहा

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

बलात्कार और हत्या के आरोप में जेल में सजा काट रहे राम रहीम को एक बार फिर पैरोल पर रिहा कर दिया गया है। क्या है उसकी इस गुपचुप और रहस्यमयी तरीके से हुई पैरोल का राज ? क्या बाबा को जेल रास नहीं आ रही ? या इसके पीछे छिपा है कोई षड़यंत्र? ये सवाल अनुत्तरित है।

डेरा सच्चा सौदा का प्रमुख गुरमीत राम रहीम पेरोल पर रिहा हो गया है। वह रोहतक जेल से उत्तर प्रदेश के बागपत पहुंचा है। राम रहीम को शुक्रवार सुबह 6:30 बजे रोहतक जेल से कड़ी सुरक्षा में बागपत ले जाया गया। हनीप्रीत और चरणजीत रोहतक जेल से राम रहीम को लेकर साथ गए। सूत्रों के मुताबिक, राम रहीम बागपत में स्थित आश्रम रहेगा।

सुनारिया जेल में सजा काट रहा राम रहीम

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा सरकार की ओर से राम रहीम को एक माह की पेरोल दी गई है।

दो साध्वियों के साथ रेप और दो हत्याओं का दोषी गुरमीत सिंह राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। राम रहीम इस साल दूसरी बार जेल से बाहर आया है। उसे फरवरी में 21 दिन की पेरोल दी गई थी। 7 फरवरी को वह रिहा हुआ और 28 फरवरी को पेरोल की अवधि खत्म होने के बाद उसे सुनारिया जेल लाया गया था। उसे परिवार से मिलने के लिए पेरोल दी गई थी।

सीबीआई की अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में मैनेजर रंजीत सिंह की हत्या के मामले में गुरमीत राम रहीम सिंह और चार अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साल 2017 में डेरा प्रमुख को अपनी दो शिष्यों के साथ बलात्कार के लिए 20 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी।

25 अगस्त, 2017 को राम रहीम को सजा के कारण पंचकुला और सिरसा में हिंसा हुई थी, जिसमें 41 लोग मारे गए थे और 260 से अधिक घायल हो गए थे। राम रहीम को अपने अनुयायियों के वोटों को प्रभावित करने की उसकी क्षमता के कारण लगभग दो दशकों तक पंजाब और हरियाणा में राजनीतिक नेताओं और पार्टियों द्वारा संरक्षण दिया गया था।

आज बागपत आश्रम से राम रहीम ने एक वीडियो जारी किया है –

2014 के लोकसभा चुनावों और उसके बाद के हरियाणा विधानसभा चुनावों में, बठिंडा के सलाबतपुरा में पंजाब के प्रमुख संप्रदाय के साथ डेरा सच्चा सौदा ने लोगों से बीजेपी को वोट देने के लिए एक सार्वजनिक अपील जारी की थी।

2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में उसका पंथ, जो पूरे भारत में छह करोड़ अनुयायी होने का दावा करता है, जिसमें से 40 लाख अकेले पंजाब में हैं, ने शिरोमणि अकाली दल-बीजेपी गठबंधन का समर्थन किया था, लेकिन पार्टी कांग्रेस से हार गई थी। हालांकि, संप्रदाय ने 2012 और 2007 में पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का समर्थन किया था।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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