चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा। शैलेन्द्र तिवारी, पीटीओ गोंडा कहते हैं कि अवैध टैक्सी स्टैंड के खिलाफ अभियान चलाया गया था। जिसमें निर्धारत टैक्सी स्टैंड पर गाड़ी खड़ी कर सवारी भरने के निर्देश दिए गए थे। चेकिंग अभियान चलाया जाएगा और पकड़े जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
अब आइए साहब के उक्त स्पष्टीकरण का अंदरुनी हालात से आपको रूबरू कराएं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मई माह में जिलेभर में संचालित अवैध टैक्सी स्टैंड को हटाया गया। जिला प्रशासन ने निर्धारित स्थानों से टैक्सी और बसों के संचालन के निर्देश दिए थे। लेकिन करीब 25 दिन बाद पुरानी स्थिति बहाल हो गई।
झंझरी ब्लॉक के सामने लगने वाले टैक्सी स्टैंड को हटाकर मदरसा फुरकानिया के सामने से संचालित करने के निर्देश दिए थे। इसके उलट, तरबगंज मार्ग पर स्टैंड झंझरी ब्लाक गेट से चंद कदम दूरी पर ही लगने लगा है। यही आलम शहर के रोडवेज बस स्टेशन के आसपास का भी है। नियमानुसार बस स्टेशन के एक किमी की परिधि में कोई भी प्राइवेट बस सवारी नहीं भर सकती है लेकिन शहर में ऐसा नहीं हो रहा है। बहराइच रोड और गुरुनानक चौक पर ट्रैफिक बूथ के सामने से निजी बसों का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है।
नगर पालिका की ओर से बेलसर, तरबगंज, अमदही सहित अन्य जगहों को जाने वाले वाहनों के लिए टैक्सी स्टैंड स्थल चिन्हित किया गया। लेकिन वहां अभी तक स्टैंड नहीं लगता है।
इसी तरह बहराइच जिले को जाने वाली वाहनों स्टैंड को भी कुछ समय के लिए इधर-उधर किया गया। लेकिन दोबारा से टैक्सी गाड़ियां पुनः वही स्थान पर खड़ी होती है।
जिला प्रशासन ने अवैध टैक्सी स्टैंड हटवाने की कार्रवाई भी की थी। टैक्सी चालकों को निर्देश दिए गए कि वह अपने निर्धारित स्टैंड पर वाहन खड़ी कर सवारी भरेंगे। अगर अवैध टैक्सी स्टैंड पर सवारी भरते पकड़े गए तो वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ। आलम ये है कि मदरसा फुरकनिया के पास नगर पालिका की भूमि पर टैक्सी स्टैंड होने का बोर्ड लगा दिया गया। यहां सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है।
डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं
प्रतिबंधित रूटों पर भी डग्गामार वाहन सवारियां भरकर फर्राटा भरते हैं। लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती है। डग्गामार वाहन चालक पुराने स्टैंड पर ही कब्जा जमाए हुए हैं। उन्हें जिला प्रशासन के निर्देश का कोई फर्क नहीं पड़ता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."