दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी व समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से रिक्शा चलाते हुए एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो को शेयर करने के बाद सोशल मीडिया पर वह ट्रोल हो रहे हैं। उनके वीडियो पर यूजर्स का कहना है कि वह गरीबों की सहायता करने के बजाय उन्हें अपमानित कर रहे हैं।
सपा नेता ने शेयर किया यह वीडियो : अनुराग भदौरिया द्वारा शेयर किए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि वह दो लोगों को बैठाकर रिक्शा चला रहे हैं। रिक्शा चलाने के दौरान डगमगाते हुए नजर आ रहे। वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘वातानुकूलित कमरों में बैठकर गरीबों की बातें करने वाले समझ लें कि गरीब के पास जाकर उसका दर्द तब समझ में आता है, जब वो दर्द बांटा जाता है।’
यूजर्स ने यूं किया ट्रोल : सौम्या भारती नाम की एक यूज़र कमेंट करती हैं कि रिक्शा भी चलाना नहीं आता और भैया आप से राजनीति भी नहीं हो पा रही है तो कोई बिजनेस देख लो। प्रशांत शुक्ला नाम की एक यूज़र ने सवाल किया – दर्द बांट रहे थे तो वीडियो काहे बनवा लिए महाराज। दर्द बांट कर चलते बनते क्योंकि माहौल में प्रचार घुला है तो पहले वीडियो बनेगा फिर दर्द बांटा जाएगा।
प्रकाश माहेश्वरी नाम की एक यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखा कि रिक्शा को आड़ा तिरछा चलाकर ट्विटर पर बोलने के बजाए सीधे अखिलेश को जा कर यह सीख देते। एसएन सिंह नाम के एक यूजर ने लिखा – क्या जॉब बदल दिए क्या? ने कार्यभार की हार्दिक बधाई। सोनी दुबे नाम की एक यूजर कमेंट करती हैं – ये क्या करते हो? कोई इनकी मदद करें, कभी तो सड़क पर लिफ्ट लेते हैं, कभी रिक्शा चलाते हैं। बॉलीवुड का गहरा असर लगता है।
एक अन्य सोशल मीडिया यूजर द्वारा लिखा गया, ‘ मत चलाइए महाराज, लड़ भिड़ जाएंगे तो दिक्कत हो जाएगी। खुद भी चोटिल होंगे और दूसरों को भी करेंगे। 10, 20 सेकंड तक तो ठीक था लेकिन इससे ज्यादा कोशिश मत करिए। गरीबों का हितैषी दिखाने के और भी तरीके हैं।’
एक यूजर ने लिखा कि कमाल है…सिर्फ 20 मीटर कैमरे के सामने रिक्शा चलाकर गरीब का दर्द समझ आ गया….बाकी सारा दिन तो TV स्टूडियो के वातानुकूलित कमरे में बैठ कर गरीबों पर डिबेट करने में निकल जाता है। ओ समझ आया, आजकल पार्टी ने टीवी डिबेट में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा रखा है…तो यह नया शगूफा।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."