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November 2, 2024 3:09 am

पंचायत की मतगणना के बाद घोषित परिणाम को दी चुनौती, पढ़िए क्या है मामला

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संवाददाता- विवेक चौबे

गढ़वा : जिले के कांडी प्रखंड के निर्वाची पदाधिकारी (मुखिया) नीलेश कुमार मुर्मू द्वारा राणाडीह पंचायत की मतगणना के बाद घोषित परिणाम को द्वितीय स्थान पर रखे गए प्रत्याशी जवाहर राम के द्वारा चुनौती दी गयी है।

इस मामले को लेकर जवाहर राम ने अपने को विजयी बताते हुए घोषित परिणाम व निर्गत प्रमाण पत्र को फर्जी बताया है। कहा है कि तीसरे स्थान के प्रत्याशी ललित बैठा को फर्जी तरीके से विजयी घोषित किया गया है। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त, जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, निर्वाची पदाधिकारी कांडी व प्रखंड विकास पदाधिकारी कांडी को स्पीडपोस्ट के माध्यम से आवेदन देकर विजयी घोषित प्रत्याशी ललित बैठा के प्रमाण पत्र को निरस्त करते हुए शपथ ग्रहण पर रोक लगाकर री-काउंटिंग कराने की मांग की गई है।

आवेदन में कहा गया है कि विजयी प्रत्याशी को किस पंचायत के मुखिया के रुप में विजेता का प्रमाण पत्र दिया गया है इसका पता नहीं है। विजेता बदलकर हड़बड़ी में दिए गए प्रमाण पत्र में न तो पंचायत का नाम है और न ही 1गढ़वा /04/16 पंचायत का कोड ही अंकित है। उन्हें किस पंचायत का विजयी मुखिया बनाया गया यह भी पता नहीं है। इसके साथ ही कुल मत 3171, सभी प्रत्याशियों को प्राप्त मत 3020 व रद्द मत 144 बताया गया, जिसका योग 3164 होता है। इस प्रकार सात मतों का घपला कर दिया गया। जबकि ललित बैठा को चार मत से विजयी घोषित किया गया है। दो जून 2022 को हुई मतगणना में उसी वक़्त आपत्ति व्यक्त करते हुए जवाहर राम ने री-काउंटिंग की मांग की थी, लेकिन इसे अनसूना करते हुए उसे प्रशासन द्वारा बलपूर्वक काउंटिंग से बाहर कर दिया गया। इसके बाद आधा घंटा के अंदर उसने री-काउंटिंग की मांग करते हुए जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त को स्वयं आवेदन दिया है, लेकिन इस गंभीर मामले को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस स्थिति में घोषित परिणाम से संबंधित कार्रवाई को रोक कर ललित बैठा का शपथ ग्रहण नहीं कराते हुए री-काउंटिंग कराए जाने की मांग की गई है। आवेदक ने कहा है कि उसकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया तो वह न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएगा।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."