राकेश तिवारी की रिपोर्ट
गोरखपुर। गरीब व मध्यम वर्गीय किसान अपनी खेती आसानी से कर सकें, इसके लिए सरकार प्रति वर्ष छह हजार रुपये का सम्मान निधि दे रही है।
जिले के 1250 आयकर दाता भी इस निधि का लाभ ले चुके हैं। यह मामला प्रकाश में आने के बाद इसका भी पर्दाफाश हुआ है कि यहां मुर्दे भी इस निधि से सम्मान ले रहे हैं।
कृषि विभाग की सोशल आडिट में 419 ऐसे मामले पकड़ में आए हैं, जिसमें सम्मान निधि के लाभार्थियों के मौत के बाद भी खाते में धनराशि भेजी गई है।
मामला संज्ञान में आने के बाद कृषि विभाग अब मृतक आश्रितों से धनराशि के रिकवरी की तैयारी कर रहा है। उसने मृतक आश्रितों के घर पर रिकवरी के लिए नोटिस भेजी है।
सरकार ने नेक मंशा के साथ इस योजना का शुभारंभ किया था। अब तक लाभार्थियों के खाते में 11 किश्तें भेजी जा चुकी हैं। शुरुआत में तो बिना छानबीन के पात्रों का चयन कर लिया गया था, लेकिन जैसे-जैसे इसकी सोशल आडिट की जा रही है तमाम गड़बड़ियां सामने आ रही हैं।
सोशल आडिट के दौरान पता चला कि 464 सम्मान निधि के लाभार्थियों की मौत हो चुकी है। इसमें से 45 मृतक आश्रितों के स्वजन जागरूक थे, उन्होंने अपनी तरफ से लाभार्थी के मौत के तत्काल बाद बैंक को सूचित कर दिया था। इससे उनकी सम्मान निधि आई भी तो बैंक ने उसे वापस कर दिया, लेकिन 419 लाभार्थियों ने इसकी कोई सूचना न तो बैंक को दी और न ही कृषि विभाग को। ऐसे में उनकी सम्मान निधि उनके खाते में चली गई। सोशल आडिट में जैसे इसका पता चला है, विभाग उनके घरों पर रिकवरी के लिए नोटिस भेजी है।
Author: samachar
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