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November 23, 2024 4:12 am

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धान के कटोरे में केले की मिठास ; 30 हजार टन केला भेजा गया नेपाल

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मिश्रीलाल कोरी की रिपोर्ट

प्रदेश के गोरखपुर, महराजगंज व आसपास के क्षेत्र में धान, गेहूं और गन्ना किसानों की जिंदगी में अब केला भी समृद्धि की मिठास भर रहा है। तराई के जिस इलाके में केले की खेती पहले सौ हेक्टेयर में सिमटी थी वहां अब 11,500 हेक्टेयर क्षेत्र में केले की फसल लहलहा रही है।

महराजगंज में बदलाव की इस नींव को निचलौल के किसान भिखारी, पन्नेलाल, राधिका, अंगद व हरिलाल ने तैयार किया है। पूर्वांचल किसान केला प्रोड्यूसर कंपनी बनाकर इन्होंने क्षेत्र के ना केवल 325 केला उत्पादक किसानों को कंपनी से जोड़ा बल्कि उनकी फसल को विभिन्न प्रांतों समेत पड़ोसी देश नेपाल तक पहुंचाने का मार्ग भी प्रशस्त किया।

एक वर्ष में सिसवा, बैठवलिया, बढय़ा फार्म, कनमिसवा, सकरदिनही, बैदौली व घुघली के किसानों के सामूहिक प्रयास से कंपनी का वार्षिक टर्नओवर छह लाख रुपये पहुंच गया हे। बलुई मिट्टी में पैदा होने वाले जी-नौ प्रजाति के केले की नेपाल के भैरहवा से लेकर काठमांडू तक जबरदस्त डिमांड है। पिछले वर्ष 30 हजार टन केला नेपाल भेजा गया था, जबकि 70 टन से अधिक केले की सप्लाई समीपवर्ती जिलों के अलावा दिल्ली, हरियाणा, पंजाब में की गई थी।

कंपनी के बोर्ड आफ डायरेक्टर भिखारी व पन्ने लाल ने बताया कि कंपनी से जुड़े 80 किसान 150 हेक्टेयर खेत लीज पर लेकर केले की खेती कर रहे हैं। गोरखपुर समेत आसपास के जिलों के भी 70 किसानों ने 400 हेक्टेयर खेत लीज पर लिया है। केले की यह खेती बलुई मिट्टी वाले उस इलाके में हो रही है, जिसे धान के लिए बहुत मुफीद नहीं माना जाता है। एक एकड़ में 1,200 पौधे लगाने, सिंचाई और मजदूरी आदि के मद में 90 हजार रुपये की लागत आती है। एक किलो केला नौ से दस रुपये में बिकता है। अगर पैदावार अच्छी हुई तो एक एकड़ खेत से करीब तीन लाख रुपये की आय हो जाती है।

जनवरी 2021 में बनी पूर्वांचल किसान केला प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़े 325 किसानों ने 500-2000 रुपये तक का शेयर लिया, जिससे कंपनी को 1,88,0000 रुपये मिले। केंद्र सरकार से इक्विटी ग्रांट (कंपनी में जमा शेयर के मुताबिक मिलने वाला अनुदान) उपलब्ध कराने के लिए भी कंपनी की तरफ से प्रस्ताव भेजा गया है। डायरेक्टर पन्ने लाल ने बताया कि शेयरधारक सभी किसानों को अनुदान पर कृषि से जुड़े संसाधन मुहैया कराए जाते हैं, जिससे फसल और पैदावार में एकरूपता रहती है।

मुख्य विकास अधिकारी गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि पूर्वांचल किसान केला प्रोड्यूसर कंपनी बनाने से केला खेती से जुड़े किसानों को एक बेहतर प्लेटफार्म मिला है। प्रशासन से हर जरूरी सहयोग दिया जा रहा है। शीघ्र ही यहां केले से चिप्स व उसके तने से रेशा निकाल कर प्लेट, कटोरी, रस्सी आदि बनाने के लिए इकाई स्थापित कराई जाएगी। 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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