ओम प्रकाश पाण्डेय की रिपोर्ट
गड़वार( बलिया )। बुढऊं गांव में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालय के चहारदीवारी के बाहर परित्यक्त कमरे में गांव के एक व्यक्ति द्वारा भूसा रख दिया गया था। जिसको लेकर खबर चल रही है। इस प्रकरण को लेकर शिक्षा विभाग एवं अध्यापकों में खलबली मची हुई है जब कि हकीकत यह है कि बुढऊं गांव स्थित कम्पोजिट विद्यालय में प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूल की संयुक्त कक्षाएं चलती है। विद्यालय के चारो तरफ वाउंड्रीवाल शिक्षा विभाग द्वारा करा दिया गया है। बच्चे जब विद्यालय आते है तो गेट बन्द हो जाता है। विगत पांच वर्ष पूर्व कम्पोजिट विद्यालय के चहारदीवारी के बाहर एक कमरा है जो पांच दशक पूर्व बना था आज वह जर्जर अवस्था में होने के कारण बेसिक शिक्षा विभाग ने परित्यक्ता की सूची में डाल दिया है जिसमें न पढाई होती है और न ही विद्यालय का उस जर्जन भवन में कोई कार्य होता है। राजनीतिक द्वेष के चलते गांव के दो पट्टीदारों के बीच पुरानी रंजिश चल रही है।
मामला 21 मई का है जब विद्यालय की समर वेकेशन की छुट्टी चल रही थी। बरसात के कारण गांव के ही एक व्यक्ति ने विद्यालय के चहारदीवारी के बाहर जर्जर भवन में भूसा रख दिया था इससे खुन्नस खाए दुसरे पट्टीदार ने तत्काल प्रभाव से विडियो बनाकर वायरल करते हुए मामला को मीडिया में उछाल दिया। जब इसकी जानकारी विद्यालय के शिक्षकों को सुबह वायरल खबर के द्वारा जानकारी हुई तो तत्काल प्रभाव से मौके पर पहुंचे तब तक भूसा वहां से हटा दिया गया था। इसके बावजूद मामले को गंभीरता से लेते हुए विद्यालय के प्रधानाचार्य ने इसकी जानकारी अपने उच्चाधिकारियों को दे दिया कि मौके से भूसा हटा दिया गया है।
अब सवाल उठता है कि इस प्रकरण को तिल का ताड़ बनाने में किसकी भूमिका है I इसकी सच्चाई को जानना जरूरी है। गांव में आपसी राजनीतिक विद्वेषता को लेकर विद्यालय को घसीटना कहां तक जायज है। जिसने वीडियो वायरल कर समाचार की हेड लाइन बनाकर क्या साबित करना चाहता है यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
Author: samachar
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