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November 23, 2024 6:13 am

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साहब…चारे पानी व रहने की व्यवस्था कर दो गर्मी बहुत है, शायद यही गुहार लगाने ब्लाक पहुंचे हैं गौवंश…

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- अन्ना गौवंशों को संरक्षित करने के लिए सरकार द्वारा खास इंतजाम करते हुए बड़ी संख्या में गौशालाओं का निर्माण कराया गया था व गौवंशों के चारे पानी की व्यवस्था हेतु काफ़ी सारी धनराशि भी दी जा रही है लेकिन इन गौवंशों की दुर्दशा देखते ही बन रही है जहां पर यह गौवंश भूख और प्यास बुझाने के लिए दर दर भटकते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है l

यह अनोखी तस्वीर रामनगर ब्लाक परिसर की है जहां पर यह गौवंश भूख और प्यास लगी के लिए घूमते हुए नजर आ रहे हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इन गौवंशों को चारा पानी देने के बजाय खाली तमाशाई बनकर देखते रहते हैं l

रामनगर ब्लाक मुख्यालय सहित अन्य ग्राम पंचायतों में गौवंशों की दुर्दशा देखते ही बनती है जहां पर गौवंशों की दुर्दशा पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पर्दा डालने का काम किया जाता रहा है l

रामनगर ब्लाक मुख्यालय के गांव की वह भयावह तस्वीर कौन भूल सकता है जिसमें गौवंश को ट्रैक्टर में बांधकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर घसीटते हुए ले जाया गया था जिसमें जिम्मेदार अधिकारी तमाशाई बने नजर आए थे वहीं बसिंहा गौशाला में भी ऐसे हालात देखने को मिले थे जिसमें ट्रैक्टर से घसीट कर जिंदा गौवंश को फेंकने का काम किया गया था l

वहीं ग्राम पंचायत इटवा में गौवंशों की मिली दर्जनों लाशों पर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा पर्दा डालने का काम किया गया था जबकि सोशल मीडिया में गौवंशों की दर्जनों तस्वीरें बहुत कुछ कह रही थी लेकिन खण्ड विकास अधिकारी धनंजय सिंह व सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) देवेन्द्र सिंह द्वारा जांच के नाम पर खूब लीपापोती की गई थी व अपने सजातीय सचिव आशीष सिंह को कार्यवाही से बचाने के लिए पूरी सोंची समझी कहानी रची गई थी l

ऐसे ही कुछ हालात बरुवा की गौशाला में देखने को मिले थे जहां पर दर्जनों गौवंश भूख और प्यास से दम तोड़ दिए थे जिनको ले जाकर नदी के कगार से फेंक दिया जाता था जहां पर इन गौवंशों को कुत्ते नोच नोचकर खाते थे ऐसे ही हालात और भी कई गौशालाओं के रहे हैं जहां पर गौवंशों के भरण पोषण के लिए सरकार द्वारा धनराशि तो दी गई लेकिन वह धनराशि कागजी कोरम पूरा कर ठिकाने लगा दी गई लेकिन गौवंशों के लिए चारे पानी की व्यवस्था नहीं की गई जिसके चलते गौवंश भूख और प्यास से तड़प तड़प कर मर गए l

जिले में संचालित ज्यादातर गौशालाओं के ऐसे ही हालात हैं जहां पर भूसा खरीद के नाम पर पैसा तो निकला लेकिन उन पैसों से खरीदा गया भूसा कहां गया यह अभी तक किसी को पता नहीं चल पाया है वहीं भूसा सप्लाई का बिल बाउचर देने वाली फर्मों में खुद के गौवंशों के खिलाने के लिए भूसा नहीं है लेकिन हजारों कुंतल भूसे का भुगतान अपनी फर्म के नाम करवाते हुए नजर आते हैं व ग्राम प्रधान व सचिव से मिलीभगत कर गौवंशों के भरण पोषण के लिए आए पैसे को ठिकाने लगाने का काम करते हैं l

जिलाधिकारी महोदय द्वारा गौवंशों को गौशालाओं में ही संरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं व गौवंशों को खुला छोड़ने की रोक लगाई गई है लेकिन जिलाधिकारी महोदय के निर्देशों का खुला उलंघन करते हुए ग्राम प्रधान, सचिव व जिम्मेदार अधिकारी कार्य कर रहे हैं जिसके कारण यह गौवंश अपनी भूख और प्यास बुझाने के लिए दर दर की ठोकरें खाते हुए नजर आ रहे हैं व राष्ट्रीय राजमार्ग सहित ब्लाक परिसर में घूमते हुए नजर आ रहे हैं l

इन गौवंशों को देखकर ऐसा लगता है कि यह खण्ड विकास अधिकारी व सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) व सचिवों से अपने भरण पोषण व व्यवस्था के लिए गुहार लगाने के लिए ब्लाक परिसर आए हुए हैं l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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