नौशाद अली की रिपोर्ट
कर्नलगंज,(गोंडा) । फर्स्ट रेफरल यूनिट में शुमार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चिकित्सकों से कंगाल है। इलाज तो दूर चिकित्सक तक पहुंचने के लिए मरीजों को संघर्ष करना पड़ता है। एक चिकित्सक पर तीन सौ से चार सौ मरीजों की लंबी लाइन होती है। इससे उनके पास पहुंचने तक मरीजों का दर्द और भी बढ़ जाता है। दुर्घटना में घायलों के इलाज के नाम पर रेफर कर दिया जाता है। गर्भवती का प्रसव तो कराने का दावा किया जा रहा है लेकिन, उनकी सर्जरी नहीं हो पाती है। कारण, डाक्टरों की भारी कमी बताई जा रही है।
यहां 15 डाक्टरों के सापेक्ष तीन डाक्टर ही कमान संभाल रहे हैं। इसका फायदा नर्सिग होम संचालक उठा रहे हैं। सीएचसी अधीक्षक सुरेश चन्द्रा का कहना है कि चिकित्सकों की कमी है। मरीजों की भीड़ होने पर समस्या होती है। फिर भी उन्हें कोई असुविधा न हो ख्याल रखा जाता है।
सीएचसी में सर्जन, नाक कान गला, हड्डी, एनस्थीसिया, स्त्री रोग, नेत्र रोग, फिजीशियन सहित चार मेडिकल अफसर व दो स्त्री मेडिकल अफसर की यहां तैनाती होनी चाहिए। मगर ये सभी पद यहां खाली हैं। सीएचसी अधीक्षक डा.सुरेश चन्द्रा, सामान्य चिकित्सक डा.मुदस्सिर व डा. पुनीता की तैनाती है।
Author: samachar
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