रामनरेश यादव की रिपोर्ट
बखरी(बेगूसराय)। शनिवार की अलसुबह रोहतास जिले की नाबालिग बखरी स्थित नदैल घाट रेडलाइट एरिया से भागने में सफल रही। लड़की द्वारा मदद मांगे जाने के बाद ग्रामीणों ने अपने संरक्षण में लेकर उसे पुलिस के हवाले कर दिया। लड़की ने बताया कि वह दो महीने से इन जिस्मफरोशों के चंगुल में थी। घटना के दिन स्कूल से घर जा रही थी। रास्ते में उसे प्यास लगी। उसी रास्ते में पहले से चार चक्का गाड़ी लगाए कुछ लोगों ने उसे पीने के लिए पानी दिया और जबरन गाड़ी में बिठा लिया। इस बीच लड़की को बिहार के सीमांचल इलाके में ले जाया गया। फिर वह बेगूसराय आ गई। यहां से उसे मिथिलांचल में भेजने की तैयारी थी।
दो महीने तक धंधा करने के लिए किया मजबूर
लड़की का दावा था कि उसने शोर मचाया, पर वहां उसकी सुनने वाला कोई नहीं था। उसने बताया कि उसे उठाने के बाद दो महीना तक पूर्णिया या किशनगंज में रखा गया था, जहां उसे धंधा करने को बाध्य किया जाता था। वह उसके लिए तैयार नहीं हुई तो पांच दिन पहले दलालों ने उसे बखरी भेज दिया। यहां उसे कमरे में बंद रखा जाता था। इसलिए वह जगह और किसी का नाम पता नहीं जानती है।
बेगूसराय से सीतामढ़ी भेजने की थी तैयारी
उसने बताया कि सोमवार को उसे सीतामढ़ी भेजने की तैयारी थी। इस बीच वह वहां से भागने का मौका तलाशती रहती थी। शनिवार की सुबह जब घर के सभी लोग सोए हुए थे तब वह छत से कूद कर भाग निकली। स्थानीय लोगों ने उसे संरक्षण दिया और पुलिस को सूचना देकर बुलाया। लड़की ने बताया कि वह घर जाना नहीं चाहती है। उसके घर वाले उसे स्वीकार नहीं करेंगे। इधर पूछे जाने पर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर हिमांशु कुमार सिंह ने बताया कि लड़की से पूछताछ की जा रही है। इसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
Author: samachar
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