दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ । समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य विधायक आजम खां 812 दिन बाद सीतापुर जिला जेल से रिहा होकर रामपुर पहुंचे तो उनका दर्द छलक उठा। अखिलेश यादव का नाम लिए बिना आजम ने कहा कि, ‘मैं लंबे समय से जेल में था, पता नहीं राजनीतिक रूप से प्रदेश में क्या क्या हुआ। कुछ मजबूरियां रही होंगी (एसपी के लिए)। मुझे कोई शिकायत नहीं है लेकिन अफसोस है कि कोई बदलाव नहीं आया। सोचूंगा कि मैं अपनी वफादारी, कड़ी मेहनत, ईमानदारी में कहां चूक गया कि मैं नफरत का ऐसा पात्र बन गया।’
आजम खांं ने कहा कि,’मैं उन सभी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने मेरे लिए प्रार्थना की और सहानुभूति दी… चाहे वह सपा, बसपा, कांग्रेस, टीएमसी, या यहां तक कि भाजपा हो। सभी दलों को कमजोर लोगों के बारे में सोचने की जरूरत है।
आजम खां जब सीतापुर जेल से निकले तो गेट पर उन्हें प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव और आजम खां के दोनों बेटों के साथ सैकड़ों की संख्या में उनके समर्थक मौजूद थे पर कोई नहीं था तो वो सपा प्रमुख अखिलेश यादव। कुछ दिन पहले अखिलेश ने एक बयान में कहा था कि आजम खां से तभी मुलाकात होगी जब वो जेल से बाहर आएंगे। आजम की रिहाई के बाद जहां शिवपाल यादव खुद पहुंचे तो वहीं अखिलेश यादव ने ट्वीट कर उन्हें रिहा होने की बधाई दी थी।
आजम खां ने जेल से निकलने के बाद कहा था कि मेरी तबाहियों में मेरे अपनों का हाथ है। आजम के इस बयान के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। बता दें कि कुछ दिनों से खबरें आ रही थीं कि आजम खां अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। जिसके बाद जेल में आजम खां से मुलाकात करने के लिए कई पार्टियों के नेता चक्कर काटते रहे पर जब समाजवादी पार्टी ने आजम खां से मिलने के लिए अपना एक प्रतिनिधि मंडल भेजा तो आजम ने उनसें मिलने के लिए मना कर दिया था। वहीं शिवपाल यादव से आजम खां ने करीब 45 मिनट तक मुलाकात की थी। इस बीच आजम खां के एक समर्थक ने यहां तक कह दिया था कि अखिलेश यादव ने पार्टी के एक बड़े नेता की उपेक्षा की है अब वो इस दिग्गज नेता का भरोसा खो चुके हैं।
Author: samachar
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