हिमांशु लाली की रिपोर्ट
केदारनाथ धाम में एक डॉग का भगवान ‘नंदी’ को छूने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। यूट्यूबर द्वारा बनाए गए इस वीडियो के वायरल होने के बाद तीर्थ-पुरोहितों में उबाल है। बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर कमेटी ने वीडियो की जमकर निंदा की है। कमेटी ने उत्तराखंड सरकार को शिकायत पत्र भेजकर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है।
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर कमेटी समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने सरकार को लिखे पत्र में यूट्यूबर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कहा कि वीडियो ने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है।‘मैंने बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को यूट्यूबर की पहचान करने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।अजय ने बताया कि इस मामले में बीकेटीसी ने केदारनाथ स्थित पुलिस आउट-पोस्ट में यूट्यूबर के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।
वह (यूट्यूबर) अपने कुत्ते को केदारनाथ मंदिर के पवित्र परिसर में लाया और इसे अपने पैरों से पूजनीय ‘नंदी’ बैल को छूते हुए देखा गया था’ अजेंद्र अजय। कहा कि यह कृत्य अत्यधिक आपत्तिजनक है और इससे भक्तों की धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है। अजेंद्र अजय ने कहा, यह भी खेदजनक है कि बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों और समिति के सदस्यों की मौजूदगी के बावजूद, किसी ने भी यूट्यूबर को यह यह कृत्य करने से नहीं रोका और न ही उसे गिरफ्तार करने की कोशिश की गई।
बीकेटीसी के अधिकारियों ने मांग की है कि मंदिर परिसर में इस तरह के आपत्तिजनक कृत्यों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और यूट्यूबर को मंदिर परिसर के आसपास अपनी वीडियो बनाने की किसी भी सूरत में अनुमति नहीं देनी चाहिए। अजेंद्र अजय ने कहा, कि कुत्ते को तिलक लगाते देखा गया पुजारी मंदिर समिति का नहीं है।
केदारनाथ का जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसमें एक साइबेरियन हस्की नस्ल के कुत्ते का मालिक भगवान नंदी की मूर्ति को अपने पंजे से छूने में मदद कर रहा है और इसके अलावा एक पुजारी भी उसके माथे पर तिलक लगाते हुए दिखाई दे रहा है। वीडियो को इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी अपलोड किया गया है।
इस बीच स्थानीय प्रशासन हरकत में आ गया है। केदारनाथ के नोडल अधिकारी केएन गोस्वामी ने कहा कि घटना के सामने आने के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि किसी भी तीर्थयात्री के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध होगा, जिसके पास कोई पालतू जानवर होगा। आपको बता दें कि यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ- सामूहिक रूप से गढ़वाल हिमालय में स्थित चार धाम कहलाते हैं, जो हिंदू परंपरा में सबसे प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों में से एक हैं।
चारों धामें में हर साल लाखों तीर्थ यात्री देश-विदेश से दर्शन करने को आते हैं। ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक हिंदू को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार चार धाम तीर्थ यात्रा करनी चाहिए, ताकि देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिल सके। परंपरागत रूप से, चार धाम तीर्थयात्रा पश्चिम से यमुनोत्री से शुरू होती है, फिर गंगोत्री तक जाती है और अंत में पूर्व में केदारनाथ और बद्रीनाथ तक जाती है। केदारनाथ मंदिर रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है, जबकि बद्रीनाथ चमोली जिले में है। यमुनोत्री और गंगोत्री मंदिर उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं।
Author: samachar
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