ओम रामनेकर की रिपोर्ट
खरगोन : सात फेरों के बाद पति पत्नी एक दूसरे से जीवन भर के लिए बंध जाते हैं। रस्मों में एक दूसरे का साथ निभाने की कसमें खाते हैं हालांकि बहुत से जोड़े इन कसमों को निभा पाते हैं कईं तो बीच में ही रिश्ता तोड़कर छोड़ जाते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के खरगोन में एक दूसरे का अंतिम सांस तक साथ निभाने वाला दंपत्ति भी है जो जिए तो साथ में लेकिन इस दुनिया को अलविदा भी एक साथ कहा। इनकी अंतिम भी एक साथ हुई। इस अनोखी विदाई को देख हर किसी की आंख नम थी।
जी हां खरगोन जिले के देवलगांव में एक बुजुर्ग दंपत्ति की एक साथ अनूठी शव यात्रा निकली। जिन्हें बैंड बाजे और डीजे पर भजन के बीच परिजनों और ग्रामीणों ने अंतिम विदाई दी। बुजुर्ग दम्पत्ति का अंतिम संस्कार किया।
दरअसल, खरगोन जिले के गोगांवा थाने के देवलगांव में 80 वर्षीय बुजुर्ग सीताबाई की मौत के करीब 8 घंटे के बाद बुजुर्ग पति 90 वर्षीय नागू गोस्वामी की भी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि पत्नी की मौत के सदमें में ही बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। करीब 60 साल पहले विवाह के समय जीवनभर साथ निभाने का वादा करने वाले दंपति ने अंतिम यात्रा तक इसे निभाया।
इस दौरान दोनों की एक साथ परिजन और ग्रामीण ने बैंड बाजे की धुन में डीजे के साथ भक्तिमय भजन के साथ शव यात्रा निकाली। बेटे कैलाश ने पिता और बेटे श्याम ने मां को मुखाग्नि दी। दोनों की अर्थी एक साथ उठी तो हर समाज के लोग इसमें शामिल हुए। लोगों का कहना था कि दोनों भाग्यशाली है। भगवान कम ही लोगों को ऐसे एक साथ बुलाता है। मजदूरी पर भी साथ में जाते थे। गोस्वामी दंपति एक साथ आदिवासी क्षेत्र में जाकर महिलाओं के नाक-कान छेदने का काम करते थे। श्रृंगार सामग्री भी बेचते थे। इसके अलावा दोनों साथ में खेतों पर कपास चुनाई, मिर्च तुड़ाई, निंदाई, गुढ़ाई आदि की मजदूरी के लिए जाकर परिवार का पालनपोषण करते थे। चार बेटों और दो बेटियों का विवाह किया। नाती-पोतों की भी शादियां हो चुकी है। कमजोरी के चलते पिछले 3 वर्ष से घर पर ही रहते थे।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."