नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर, उतरौला तहसीलदार का तबादला व उनकी संपत्ति की जांच की मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं ने शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस का विरोध किया। पोर्टिको में चल रहे क्रमिक अनशन के कारण तहसील सभागार में अधिकारियों के जाने के लिए पिछले दरवाजे को खोला गया। सीओ उदयराज के नेतृत्व में चार थानों के प्रभारी निरीक्षक फोर्स के साथ हर वकील के चौकी पर मौजूद हैं।
संपूर्ण समाधान दिवस में फरियादियों का प्रार्थना पत्र लिखने के लिए एसडीएम ने लेखपालों को तैनात किया था। अधिवक्ताओं ने धक्कामुक्की कर लेखपालों को भगा दिया। अधिवक्ताओं व लेखपालों ने एक-दूसरे के खिलाफ अमर्यादित नारेबाजी व गालीगलौज शुरू कर दी। बीच-बचाव कराने आए एसडीएम संतोष ओझा को भी वकीलों व लेखपालों के गुस्से का सामना करना पड़ा।
सुबह 11.16 बजे जिलाधिकारी श्रुति व पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सक्सेना के पहुंचते ही अधिवक्ता आक्रोशित होकर नारेबाजी करने लगे। प्रार्थना पत्र लिखने के लिए तैनात लेखपालों से अधिवक्ताओं ने गाली-गलौज व धक्कामुक्की की। इससे नाराज लेखपाल भी धरना प्रदर्शन करने लगे। पुलिस ने सुरक्षा घेरे के बीच पिछले गेट से अधिकारियों को सभागार में पहुंचा दिया।
उधर लेखपालों के समर्थन में राजस्व निरीक्षक, कलेक्ट्रेट कर्मी व राजस्व अमीन भी धरने पर बैठ गए। एसडीएम व सीओ बारी-बारी दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं। उधर अधिवक्ताओं व राजस्व कर्मियों के धरना प्रदर्शन के कारण संपूर्ण समाधान दिवस पूरी तरह प्रभावित है। यहां आने वाले फरियादियों को अधिकारियों से अपनी शिकायत करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
Author: samachar
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