संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट- वन प्रभाग चित्रकूट के रैपुरा रेंज में क्षेत्रीय वनाधिकारी व वन दरोगाओं, वन रक्षकों व वाचरों की मनमानी खूब देखने को मिल रही है जहां पर वन कर्मियों के तैनात होने के बावजूद वन क्षेत्र में पौधों का कटान जारी है व बौना नाली खोदाई, गोल गड्ढे खोदाई व पत्थर की वाल (खखरी) निर्माण कार्य व प्लांटेशन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा करते हुए सरकारी धन का बंदरबाट किया गया है l
रैपुरा रेंज के वन क्षेत्र अगरहुडा बीट के अडबंगा व मदना जंगल में वन विभाग की नर्सरी हैं जहां पर पौध भराई कार्य किया जाता है लेकिन उन्ही पौधों को रोपने के बजाय जंगल में फेकवाने का काम किया जाता है व कागजों में खाना पूर्ति करके सरकारी धन का बंदरबाट किया जाता है l
बौना नाली खोदाई गोल गड्ढे खोदाई व पत्थर की वाल (खखरी) निर्माण व पौध भराई व प्लांटेशन निर्माण कार्य के नाम पर मजदूरों का बड़ी मात्रा में शोषण किया जा रहा है जिसमें मजदूरों को नकद भुगतान कर कम मजदूरी दी जा रही है जबकि शासन के निर्देश के अनुसार मजदूरों को उनकी मजदूरी खातों में भुगतान करने का प्राविधान है लेकिन वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपने चहेते लोगों/ठेकेदारों/फर्मों के नाम पर भुगतान कर सरकारी धन का गबन किया जा रहा है l
प्रभागीय वनाधिकारी आर के दीक्षित की सह पर रैपुरा रेंज के वन क्षेत्राधिकारी राधेश्याम दिवाकर , वन दरोगा जितेंद्र प्रताप सिंह व रेंज कार्यालय के बाबू विजय मोहन उर्फ़ पिंटू बाबू की मिलीभगत से निर्माण कार्यों के नाम पर बड़ी धांधली करते हुए व फर्जी दस्तावजों के सहारे सरकारी धन का गबन किया जा रहा है व वृक्षारोपण व निर्माण कार्यों को कागजो में दिखाकर कोरम पूरा किया जा रहा है l
जबकि जमीनी हकीकत यह है कि आज भी वन क्षेत्रों के जंगलों में पौध भरी थैली देखने को मिल रही है जिसके कारण वन विभाग द्वारा कराए गए वृक्षारोपण की पोल खुलकर सामने आ गई है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."