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November 23, 2024 2:29 am

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“छोटे मियां बड़े मियां” दरगाह की खुदाई में मिली शनि देव और हनुमान की मूर्तियां; पढ़िए क्या है मामला

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के एटा जनपद की जलेसर स्थित छोटे मियां बड़े मियां की दरगाह पर खोदाई के दौरान शनिदेव और हनुमान की मूर्तियां निकली हैं। यहां पुलिस चौकी के निर्माण के लिए शुक्रवार को सुबह से खोदाई चल रही थी। मूर्तियां निकलते ही यहां भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने शनिदेव की मूर्ति का तेल से अभिषेक किया। वहीं कुछ लोगों ने दरगाह पर भगवा झंडे भी फहराए हैं।

ऐलान किया कि शोभायात्रा के बाद मूर्तियां दरगाह में स्थापित की जाएंगी। जिला मुख्यालय से कई अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। वहीं पुरातत्व विभाग को सूचना दी गई है। यहां पहले से ही ये आशंका जताई जा रही थी कि शनि मंदिर को तोड़कर दरगाह बनाई गई है।

दरगाह स्थल पर शनि मंदिर होने का दावा किया था। दो दर्जन ग्रामीणों ने पिछले सप्ताह ही शपथ पत्र देकर शनि मंदिर का दावा किया था। अभिलेखों में यह जगह वर्ष 1962 में ग्राम पंचायत जलेसर देहात के नाम दर्ज हुई। तब से जगह पंचायत की ही है, लेकिन प्रबंध समिति अपनी जगह में दरगाह होना बताती रही और गाढ़ी कमाई हड़पती रही। ग्राम पंचायत को दखल तक नहीं देने दिया। पूर्व में जब भी इस मामले को ग्रामीणों ने उठाने की कोशिश की तो अफसर दबाते रहे और इस विवाद से सब बचने की कोशिश करते रहे, वरना गबन का मामला पहले ही पकड़ में आ जाता।

कस्बा के लोगों का मानना है कि कालांतर में इसको छोटे मियां बड़े मियां की दरगाह का नाम दे दिया गया। प्रशासन के मुताबिक शनिदेव मंदिर की बात जांच के दौरान लोगों के बयानों के आधार पर सामने आई थी। वहीं नगला घनश्याम निवासी शनि भक्त बुजुर्ग प्यारेलाल ने बताया कि किसी भी मुस्लिम इबादतगाह पर नारियल और कौड़ी नहीं चढ़ाई जाती, लेकिन शनि जात के दौरान दरगाह पर यह चीजें चढ़ाई जाती हैं। यह एक बड़ा साक्ष्य है।

दरगाह के नीचे शनिदेव मंदिर होने का दावा करते हुए भाजपा के जिला मंत्री एवं गांव बुधैरा के प्रधान रामजीलाल राजपूत, जलेसर देहात के प्रधान शैलेंद्र राजपूत तथा साल वाहनपुर और मुड़ई प्रहलाद नगर के प्रधानों सहित दो दर्जन ग्रामीणों ने जलेसर एसडीएम को शपथ पत्र दिए थे। इसके अलावा मांग की गई कि पूरे मामले की जांच कराई जाए और यह पता लगाया जाए कि शनि मंदिर था तो फिर दरगाह कैसे बन गई ?

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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