मृदुला चौधरी की रिपोर्ट
छपरा : “मैम, मैं बालिग हूं। अपनी मर्जी से रमेश (काल्पनिक नाम) के साथ घर से फरार होकर शादी की हूं। अभी मैं दिल्ली में हूं। मैरे मम्मी-पापा दूसरी जगह जबरन विवाह करना चाहते थे। वह लड़का मेरी उम्र से बहुत बड़ा था। इसलिए मैंने घर से भागकर शादी कर ली। अब मैं आगे भी इन्हीं के साथ रहना चाहती हूं।”
यह किसी फिल्म की स्टोरी नहीं है। यह महिला हेल्पलाइन छपरा में आए एक युवती के पत्र का सारांश है। उसने अपने परिवार से बचकर चुपके से घर से फरार होकर शादी कर ली। अब अपने प्रेमी के साथ रह रही है। पत्र में युवती ने आगे लिखा कि मैंने घर से भागकर शादी कर ली है। मेरे पापा मेरे पति एवं सास-ससुर के खिलाफ अपहरण का मुकदमा कर सकते हैं। पत्र में शादी का प्रमाण पत्र भी लगा हुआ है।
महिला हेल्पलाइन में ऐसा एक नहीं करीब 10 से अधिक पत्र घर-परिवार से बगावत करके अपनी मर्जी से शादी करने वाली युवतियों का आया है। सारण जिले में अपनी मर्जी से शादी के लिए प्रेमी के साथ फरार युवतियों को अपने सास-ससुर की चिंता सता रही है, क्योंकि अधिकांश लड़की के भागने के बाद परिवार वाले गलत नीयत से अपनी बेटी के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराते हैं। छपरा के वन स्टाप सेंटर (महिला हेल्पलाइन) में अपनी मर्जी से शादी के लिए घर से फरार युवतियों ने लखनऊ, बैंगलोर, दिल्ली, चंडीगढ़, गुजरात, मुबंई, सिलीगुड़ी, सूरत से पत्र भेजा है। इसमें सारण जिले के कई थाना क्षेत्र की लड़कियां हैं।
पत्र में युवतियां लड़के, उनके माता, पिता, बहन एवं भाई को भी अभियुक्त बना रही हैं। इस मामले में अक्सर अपहरण व दुष्कर्म की प्राथमिकी दर्ज हो जाती है। इसके बाद लड़कोें के घर वालों पर पुलिस लड़की की बरामदगी के लिए दबाव बनाने लगती हैं। इसमें अधिकांश मामले में लड़कों के परिवार वालों को यह पता नहीं रहता है कि उनका लड़का कहां हैं। घर में पुलिस आने के बाद से उनकी पारिवारिक व सामाजिक प्रतिष्ठा धूमिल होती है।
महिला हेल्पलाइन छपरा की प्रबंधक मधुबाला ने बताया कि अपनी मर्जी से शादी के लिए प्रेमी के साथ घर से भागी युवतियों के ऐसे कई पत्र आ रहे हैं। इन पत्रों को महिला हेल्पलाइन से संबंधित थाने में भेजा जा रहा है, ताकि इस तरह के मामले आए तो पुलिस इस पक्ष को देखे। हालांकि कई मामलों में लड़की वाले पुलिस केस भी नहीं कर रहे हैं।
Author: samachar
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