अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
फतेहपुर : गोशालाओं में पल रहे गोवंशी पशुओं के गोबर को अब कमाई का जरिया बना दिया गया है। चार गोशालाओं में गोकाष्ठ (गोबर की लकड़ी) बनाने का काम शुरू है। गुरुवार को डीएम अपूर्वा दुबे और सीडीओ सत्य प्रकाश ने गोकाष्ठ का बाजारीकरण किया। तैयार गोकाष्ठ की पहली खेप भिटौरा स्थिति शमशान घाट भेजी गई। गोशालाओं में गोबर से गोकाष्ठ बनाने का काम स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दिया गया है।
इस मौके पर डीएम अपूर्वा दुबे ने कहा कि गोकाष्ठ बनने से पर्यावरण सही रहेगा। समूह से जुड़ी महिलाओं की आय बढ़ेगी और लकड़ी की जगह गोबर की बनी लकड़ी उपयोगी साबित होगी। उद्घाटन अवसर पर तहसील, ब्लाक व जिले के अधिकारी रहे।
शुभारंभ अवसर पर पहुंचे संतश्री विज्ञानानंद ने गाय के गोबर का धार्मिक महत्व बताया।
गाय के गोबर से बनी लकड़ी को पूजन, हवन और अंतिम संस्कार में उपयोग करने के लिए उत्तम बताया। उन्होंने कहा कि इसके प्रयोग से धार्मिक आयोजनों में शुद्धता की महत्ता बढ़ेगी।
Author: samachar
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