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November 23, 2024 2:06 am

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विकास की गंगा में अधिकारी नहा रहे हैं होकर नंगा ; “मुर्दों” को भुगतान कराकर लेते हैं जनता से पंगा

11 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट

मैंनपुरी: उत्तर प्रदेश की डबल इंजन योगी सरकार भ्रस्टाचार को खत्म करने के लाख दावे करती हुई नजर आ रही हो लेकिन सरकार के ये सरे दावे जनपद मैनपुरी में खोखले सावित हो रहे है। अधिकारी कर्मचारियो की मिली भगत से लाखों का बंदरबांट किया जा रहा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की शुरुआत बेरोजगार गरीबों के कल्याण के लिए की गई थी, लेकिन सरकार के विकास की यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। कहीं फर्जी जाब कार्ड बनाकर गरीबों के हक की रकम अमीरों के हवाले कर दी गई, तो कहीं कागजों में विकास की गंगा बहाकर धन का गबन हुआ। सबसे गौर करने की बात यहां म्रत्यु लोक से 9वर्ष पहले मर चुके व्यक्ति मनरेगा में मजदूरी कर अपने खातों से पैसे निकाल रहे है।

मामला करहल विकास खंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुर्रा का है। जहां के निवासी सर्वेश कुमार ने अपने ग्राम पंचायत में हो रहे भ्र्ष्टाचार की जांच कराने की मांग सीडीओ विनोद कुमार से की है। आरोपो में विकास खंड अधिकारी एवं ग्राम पंचायत अधिकारी के साथ साथ रोजगार सेवक की मिलीभगत के चलते गांव में रहने वाले दुकानदार एवं मृतक लोगों के नाम  महात्मा गांधी गारंटी योजना के अंतर्गत भुगतान कर लाखों के बारे न्यारे किए जा रहे हैं।

मुर्दे कर रहे मनरेगा में मजदूरी 

कुर्रा ग्राम पंचायत के गांव शायपुरा में निवासी उर्मिला देवी ने बताया उनके पति लाखन सिंह पुत्र हरनारायण की मृत्यु 2009 में टीवी की बीमारी के कारण हो गई थी। उन्होंने कभी मनरेगा में काम नहीं किया। इसी गांव से जुड़ा एक और मामला अनीता देवी पत्नी मानसिंह जिसकी कई साल पूर्व मौत हो चुकी है। उनके नाम 12 दिन का काम दिखा कर खाते से भुगतान कर लिया गया। अब चाहे लाखन सिंह हो या अनिता देवी इनकी मौत के बाद हजारों रुपए महात्मा गांधी गारंटी रोजगार योजना के माध्यम से निकालने का काम किया जा रहा है। मृतक लाखन सिंह आज भी बैंक से भुगतान ले रहे हैं हाल ही में 6 माह पूर्व जॉब कार्ड संख्या 3123005027/ic/958486255823374591 से 20 दिन का रोजगार पाकर ₹4080 भुगतान निकाल लिया गया।अब सबसे बड़ा सबाल आखिर मुर्दा कैसे मृत्यु लोक से आकर बैंक से भुगतान ले रहे है।

पात्र भटक रहे मजदूरी को अपात्र कर रहे मौज 

ग्राम पंचायत में कार्य करने बाले मजदूरों की बात करने पर क्या कुछ कहा आप भी देखे सुने और पढ़े-

  • गांव कुर्रा निवासी सुख लाल जिनकी उम्र अब 83 वर्ष है और इनका गांव में बड़ा शू स्टोर खुला हुआ है सुखलाल ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष 10 दिन काम किया है जिसका भुगतान 2600 बैंक से निकाला लेकिन इनके खाते में मिलीभगत के चलते 52 दिन का काम दिखा कर 10608 रुपयों का बंदरबांट कर लिया है लेकिन इन्हें कुछ कुछ और पता ही नही।
  • तो यह है जनाब गोविंद सिंह जो टीवी मरम्मत की दुकान चलाने का कार्य करते हैं इन्होंने भी 24 दिन का कार्य करके भुगतान 4896 रुपया निकाल लिया।

● वही प्रधान प्रतिनिधि गंभीर सिंह के नाम 88 दिन का 1752 और इनकी पुत्री कुमारी जयंती जो बीए की छात्रा है के नाम भी 12 दिन का भुगतान 2448 रुपया किया गया है।

  • इसी ग्राम सभा के कोटीया निवासी मिलाप सिंह पुत्र राम जो सरकारी कर्मचारी है। इनके नाम भी पिता को पुत्र बनाकर और पुत्र को पिता बना कर 14 दिन का भुगतान 2856 रुपया तो वही इनकी पत्नी प्रीति देवी जो जिला पंचायत चुनाव के दौरान प्रत्याशी थी के नाम 80 दिन का भुगतान 16320 रुपया कराया गया है।
  • कुर्रा गांव में किराने की दुकान चलाते दुकानदार   नीरज कुमार गुप्ता के नाम भी 28 दिन का भुगतान 5712 रुपया दिया गया है।लेकिन इन्होंने कितने दिन काम किया कहाँ किया कुछ याद नही।

प्रधान के परिजन कर रहे फर्जी मजदूरी 

ग्राम प्रधान का बड़ा भाई विजय पाल सिंह पुत्र मानसिंह जो गाजियाबाद में नौकरी कर परिवार के साथ गाजियाबाद में ही रह रहा है उसके भी नाम 36 दिन का भुगतान कर ₹7344 का भुगतान कराया गया है तो वही सिपाही राम पुत्र हरनारायण सिंह जो ग्राम प्रधान के सगे चाचा है के नाम भी योजना के अंतर्गत 50 दिन का काम दर्शा कर 10200 रुपए का भुगतान करा लिया है। जबकि इस बारे में सिपाही राम से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि मात्र 2 दिन काम करने गए थे और उन्होंने ₹2000 निकाले हैं। बाकी कहां गए कोई पता नहीं इससे साफ जाहिर हो रहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा किए गए दावे और वादे सफेद हाथी साबित हो रहे हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी मजबूत है कि जो कटने का नाम नहीं ले रही है इस संबंध में एक शिकायतकर्ता ने मुख्य विकास अधिकारी को शिकायतें ज्ञापन देते हुए निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है। 

अब देखने बाली बात होगी योगी बाबा का बुलडोजर ऐसे भृष्टाचारियो पर चल कर कार्रवाई करता है। या मामले में लीपापोती कर जांच की गयीं फाइलों को भृष्टाचारियो के रसूख के चलते दवा दिया जाता है।

कहते हैं मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार 

मुख्यविकास अधिकारी विनोद कुमार ने बताया प्रकरण मेरे संज्ञान में लाया गया है मेने डीसी मनरेगा से स्पस्ट जांच करने के निर्देश दिए है। उनसे यह भी कहा मुझे तीन दिन के अपनी जांच करके उसकी जांच रिपोर्ट मुझे सौपे ।शिकायत के आधार पर जो सत्यता पाई जाती है तो इसमें जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्सा नही जाएगा उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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