टिक्कू आपचे की रिपोर्ट
एक लड़की जिसे बॉलीवुड में नाम कमाना था। घर से 1400 किलोमीटर दूर चली आई। काम की तालाश में इधर-उधर गई पर नहीं मिला। क्योंकि हिन्दी कम आती थी। आखिर में एक व्यक्ति मिला जिसने लड़की को मौका दिया, लेकिन कुछ दिन बाद ही उस व्यक्ति की हत्या हो जाती है। नाम आता है उसी लड़की का। मडर मिस्ट्री सीरीज की 10वीं कहानी में आज हम सुनाएंगे नीरज ग्रोवर मर्डर केस की पूरी कहानी।
बॉलीवुड हीरोइन बनने मुंबई आई मारिया
केरल के कोच्चि की मारिया मोनिका सुसाइराज कन्नड़ फिल्म की एक्ट्रेस थी। 2002 में कन्नड़ फिल्म जूट से कैरियर की शुरुआत की। 2003 में एक्सक्यूज मी, 2004 में ओके सर ओके और 2007 में एकदंता जैसी फिल्मों में काम किया, लेकिन मारिया को बॉलीवुड में करियर बनाना था। इसलिए उसने कन्नड़ फिल्म से नाता तोड़ा और 2007 में मुंबई आ गई। हिन्दी कम आती थी इसलिए जहां भी ऑडिशन देती लोग, ‘विचार करेंगे’ कहकर वापस कर देते थे।
नीरज ने ऑडिशन में फेल किया पर पास करने का वादा कर दिया
25 साल के नीरज ग्रोवर ने मास कम्युनिकेशन किया और सिनर्जी एडलैब्स या यूं कहें स्टार टीवी से जुड़ गए। यह एक प्रोडक्शन हाउस था जिसके जरिए लोगों को एक्टिंग के लिए चुना जाता था। चुनने वाली टीम में नीरज भी शामिल थे। “क्या आप पांचवी पास से तेज हैं” नाम का एक कार्यक्रम टीवी पर आता था। शाहरुख खान उसे लीड करते थे। नीरज उस प्रोग्राम की प्रोडक्शन टीम में थे।
एक दिन एक टीवी सीरियल के ऑडिशन में मारिया सुसाइराज आई थी। नीरज ने टेस्ट के लिए बुलाया और सवाल पूछे। हिन्दी में सवाल होने के कारण मारिया सही से जवाब नहीं दे पाई। नीरज ने कहा, मारिया, यहां हमें ऐसा व्यक्ति चाहिए जो हिन्दी बेहतर ढंग से बोल सके। क्योंकि यह प्रोग्राम हिन्दी में है। इसलिए हम आपको किसी और प्रोग्राम में मौका देंगे। नीरज उठकर चले गए। मारिया ने ऑफिस के ही किसी व्यक्ति से नीरज का नंबर ले लिया।
नीरज दोस्त बने तो प्रेमी को खटकने लगे
मारिया ने कुछ दिन बाद नीरज को फोन किया। दोनों में बात बढ़ने लगी। मुलाकात शुरू हो गई। ये मुलाकात कभी रेस्त्रां में तो कभी समुंदर के किनारे होती। मारिया का एक प्रेमी कोच्चि में ही था। नाम था जेरोम मैथ्यू। जेरोम और मारिया की स्कूलिंग साथ हुई। कॉलेज में गए तब भी साथ रहे, लेकिन इसके बाद जेरोम ने नेवी जॉइन कर ली और मारिया फिल्मों में काम करने लगी। मारिया ने जेरोम को नीरज से हुई दोस्ती के बारे में बताया था। जेरोम को ये दोस्ती एकदम पसंद नहीं थी, लेकिन वह कुछ बोलता नहीं था।
फ्लैट शिफ्ट करवाने गए तो रातभर साथ रह गए
6 मई 2008, मारिया ने मुंबई के मलाड इलाके में नया फ्लैट ले लिया। नीरज से शिफ्ट करवाने में मदद मांगी तो वे चले गए। रात 10 बजे मारिया को जेरोम का फोन आया। दूसरी तरफ नीरज भी किसी से फोन पर बात कर रहे थे। जेरोम ने पूछा नीरज है क्या? मारिया ने कहा नहीं। इतना कहने के बाद मारिया ने फोन काट दिया। 11.30 बजे जेरोम ने दोबारा फोन किया और पूछा क्या नीरज अपने घर चला गया? मारिया ने इस सवाल का जवाब देने के बजाय फोन को ही स्विच ऑफ कर दिया।
शक के चलते रात में ही फ्लाइट पकड़ी और मुंबई आकर मर्डर कर दिया
मारिया के फोन स्वीच ऑफ करने से जेरोम गुस्से से भर गया। उसने रात में ही मुंबई पहुंचना तय किया। फ्लाइट पता की तो पता चला कोच्चि से मुंबई की एक फ्लाइट तीन बजे सुबह की है। जेरोम ने फ्लाइट पकड़ी और मुंबई आ गया। मारिया ने उसे नए फ्लैट का पता बताया था इसलिए उसे मलाड के उस इलाके में पहुंचने से कोई दिक्कत नहीं हुई। सुबह 7.30 बजे मैथ्यू मारिया के नए फ्लैट के गेट की डोर बेल बजाता है। अंदर मारिया और नीरज सन्न। तभी मारिया ने कहा, हो सकता है कॉलोनी का कोई कर्मचारी हो।
मारिया ने दरवाजा खोला तो उसके होश उड़ गए। सामने जेरोम मैथ्यू खड़ा था। वह बिना कुछ बोले अंदर आया तो देखा नीरज ग्रोवर बिना कपड़ों के बेड पर लेटा था। दोनों के बीच मारपीट शुरू हो गई। गुस्से से तमतमाए जेरोम ने किचन से चाकू लिया और नीरज पर ताबड़तोड़ प्रहार शुरू कर दिए। इस दौरान मारिया ने बचाने की कोशिश की तो जेरोम ने उसे झटकते हुए कहा, दूर रह वरना तुझे भी मार दूंगा। जेरोम के चाकुओं के वार से नीरज की मौत हो गई।
लाश सामने रखकर मारिया और जेरोम ने शारीरिक संबंध बनाए
हत्या करने के बाद जेरोम और मारिया ने शारीरिक संबंध बनाए। नौ बजे दोनों यह सोचने लगे कि अब इस लाश को कैसे छिपाया जाए। मारिया ने अपने दोस्त जीतेश से उसकी सेंट्रो कार ली और जेरोम के साथ मलाड के हाइपरसिटी मॉल गई और वहां से तीन बड़े एयरबैग के साथ एक बड़ा चाकू खरीदा। एक रेस्त्रां में खाना खाया। तीन बजे दोनों लौटे और अगले एक घंटे में लाश के छोटे-छोटे करीब 300 टुकड़े कर दिए। उसे तीन बैग में डाला और उसे कार में रख दिया।
दोनों लाश लेकर ठाणे साइड वाले हाईवे पर निकल गए। शाम के करीब 7 बजे पालघर जिले के मनोर पहुंचे। गाड़ी से बैग उतारा और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। जब लग गया कि लाश जल चुकी है तो तब वहां से लौटे। जेरोम रातभर मारिया के साथ उसी फ्लैट में रहा। 8 मई को 12.30 बजे मुंबई से कोच्चि की फ्लाइट पकड़ी और वापस चला गया।
नीरज का फोन मारिया ने पुलिस को दिया और पकड़ी गई
नीरज 8 और 9 मई को ऑफिस नहीं पहुंचा तो दोस्तों ने उसे फोन लगाया। फोन स्विच ऑफ आ रहा था। मारिया को फोन लगाया तो उसने कहा, 7 मई को रात में वह गया था फिर नहीं आए। दूसरी तरफ परिवार वालों को भी नीरज के गायब होने की खबर लग गई।
पिता अमरनाथ ग्रोवर और मां नीलम ग्रोवर परेशान हो गए। उनकी तरफ से पुलिस में नीरज के लापता होने की रिपोर्ट लिखाई गई। पुलिस ने जांच शुरू की। मोबाइल की लोकेशन मारिया के फ्लैट पर दिख रही थी। पुलिस पहुंची तो मारिया ने फोन दे दिया।
पुलिस का पहला शक मारिया पर गया, लेकिन बिना सबूत के पूछताछ कैसे करती। इसलिए मारिया की कॉल डिटेल निकाली गई। हत्या के बाद मारिया और जेरोम में बातचीत से राज खुल गया। पुलिस ने मारिया को गिरफ्तार कर लिया। जेरोम को कोच्चि से गिरफ्तार किया गया। दोनों से पूछताछ की गई तो दोनों ने सच बता दिया। जिस गाड़ी से लाश को ले जाया गया था उसकी जांच हुई तो उसमें खून के धब्बे मिले। फॉरेंसिक टीम ने सारे जरूरी सबूत इकट्ठा किए और उसे कोर्ट में जमा किया।
कोर्ट ने जितनी सजा सुनाई उससे ज्यादा समय तक मारिया जेल में रह चुकी थी
मारिया और जेरोम की गिरफ्तारी के बाद मुंबई सेशन कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। मारिया ने अदालत के सामने अपना गुनाह तो कबूल लिया, लेकिन बयान बदल दिया। मारिया ने कहा, “मैंने कुछ नहीं किया, जेरोम और नीरज की लड़ाई के दौरान मैंने बचाने की कोशिश की। जेरोम ने मुझे भी मार देने की धमकी दी इसलिए मैं पीछे हट गई।” कोर्ट ने सभी की दलीलों को सुना। सारे सबूत देखे और फैसला लिख लिया।
11 जुलाई 2011 को कोर्ट ने जेरोम को आईपीसी 1860 के सेक्शन 304 के तहत 10 साल की सजा सुनाई। मारिया को सेक्शन 201 के तहत सबूत मिटाने का दोषी बताते हुए कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई। जिस दिन सजा सुनाई गई उसी दिन मारिया बाहर आ गई क्योंकि उसने 3 साल से अधिक वक्त जेल में बिता लिया था।
कोर्ट ने दोनों दोषियों पर 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। सजा के दौरान कोर्ट ने कहा, “यह हत्या कोई सुनियोजित हत्या नहीं थी। गुस्से में किया गया कत्ल था। जेरोम कोई हथियार लेकर नहीं आया था। मारिया ने जेरोम को रोकने का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी।”
कोर्ट के इस फैसले से नीरज ग्रोवर का परिवार संतुष्ट नहीं हुआ। परिवार ने कहा, “ये सरकार का काम है कि वह इस फैसले को हाईकोर्ट में चैलेंज करे। हमारे पास इतना पैसा नहीं है कि हम लड़ाई लड़ें।” किसी भी कोर्ट में कोई चैलेंज नहीं किया गया। जेरोम भी 2018 में जेल से बाहर आ गया।
फैसले के तुरंत बाद बॉलीवुड डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा ने नीरज ग्रोवर मर्डर केस पर फिल्म बना दी। नाम रखा “नॉट ए लव स्टोरी।” यह फिल्म 18 दिनों की शूटिंग में पूरी हो गई। 19 अगस्त 2011 को जब रिलीज हुई तब रामगोपाल वर्मा ने कहा था कि मारिया को यह फिल्म जरूर देखना चाहिए।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."