Explore

Search
Close this search box.

Search

2 April 2025 10:16 pm

गजब का शासन अजब का खेल ; डिग्री फर्जी और पद अनुदेशक ! कैसा है ये घालमेल ?

65 पाठकों ने अब तक पढा

संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- पहाड़ी विकास खण्ड के प्राथमिक विद्यालय गंगा पुरवा में तैनात सहायक अध्यापक आत्म प्रकाश पुत्र राम प्रकाश फर्जी शिक्षा प्रमाणपत्रों के सहारे सहायक अध्यापक बना है आत्म प्रकाश ने अनुदेशक रहते हुए फर्जी शिक्षा प्रमाण पत्र बनवाए और उसी के सहारे सहायक अध्यापक बन बैठा है।

आत्म प्रकाश पुत्र राम प्रकाश मूलरूप से बछरन गांव का रहने वाला है जो वर्ष 2012 में अनुदेशक के पद पर भर्ती हुआ और उच्च प्राथमिक विद्यालय गनीवा प्रसिद्धपुर में तैनात हुआ। वहीं अनुदेशक रहते हुए आत्म प्रकाश ने 2015 से लेकर 2017 तक बी टी सी किया जबकि बी टी सी करने के दौरान कभी पढ़ने नहीं गया सिर्फ़ अनुदेशक के रूप में कार्य करते हुए वेतन आहरण करता रहा । बी टी सी होने के बाद लाखों रुपए खर्च करते हुए टीईटी पास करने के प्रमाण पत्र खरीदे और 68500 शिक्षक भर्ती में चयनित होकर प्राथमिक विद्यालय गंगा पुरवा में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हो गया।

सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि एक तरफ जहां बी टी सी रेगुलर होना चाहिए तो आत्म प्रकाश अनुदेशक रहते हुए आखिर बी टी सी कैसे कर लिया? जबकि उच्च प्राथमिक विद्यालय गनीवा प्रसिद्धपुर में प्रतिदिन आता रहा और हस्ताक्षर बनाता रहा और वेतन उठाता रहा और फिर मनमाने तरीके से फर्जीवाड़ा करते हुए प्राथमिक विद्यालय गंगा पुरवा में सहायक अध्यापक कैसे बन बैठा ? यह एक बड़ा सवाल है।

अब देखना यह है कि बेसिक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के सहारे फर्जी शिक्षा प्रमाण पत्र लगाकर एक अनुदेशक सहायक अध्यापक कैसे बना इसकी जांच कराई जानी आवश्यक है जिससे अनुदेशक से फर्जी शिक्षा प्रमाण पत्रों के सहारे सहायक अध्यापक बनने वाले आत्म प्रकाश के फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."