चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
गोंडा। डीएम डाॅ0 उज्ज्वल कुमार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के 16 सीडीपीओ सहित 67 कर्मचारियों को वेतन रोक दिया है। जिला पोषण समिति की बैठक में कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों के चिन्हांकन एवं उन्हें पोषण पुनर्वास केन्द्र में भर्ती कराकर ग्रीन श्रेणी में लाए जाने की समीक्षा में पाया गया कि सीडीपीओ सहित अधीनस्थ सुपरवाइजर एवं विभाग के कर्मचारियों द्वारा कोई रूचि नहीं ली जा रही है तथा सिर्फ कागजी कार्यवाही कर कोरम पूरा किया जा रहा है। लापरवाही से नाराज डीएम ने बाल विकास एवं पुष्टाहर विभाग के जनपद मुख्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारियों सहित सभी सीडीपीओ व अन्य समस्त कर्मचारियों को वेतन एवं मानदेय तत्काल रोक दिया है तथा अगले 15 दिनों में सुधार न होने पर विभागीय कार्यवाही की चेतावनी भी दी है।
समीक्षा में सैम व मैम बच्चों के चिन्हांकन की स्थिति बेहद खराब पाई गई। निर्धारित मानक लगभग 18 हजार बच्चों के सापेक्ष मात्र 1391 बच्चों का ही अब तक चिन्हांकन किया गया है तथा पोषण पुनर्वास केन्द्र जिला अस्पताल में मात्र 10 बच्चे ही एडमिट हैं। इस खराब प्रगति से नाराज डीएम ने बैठक में ही कार्यक्रम विभाग के अधिकारियों को बड़ी फटकार लगाई तथा सुधार न करने पर बाल विकास परियोजना अधिकारियों की सेवा समाप्ति की कार्यवाही की चेतावनी दी है।
जिलाधिकारी ने कहा कि पोषण पखवाड़े के दौरान विभाग द्वारा की गई बतिविधियों की विस्तृत रिपोर्ट उन्हें दी जाय। उन्होंने कहा कि सीडीपीओ व सुपरवाइजर फील्ड में निकलें तथा काम करें, सिर्फ कागजी रिपोर्टिंग वाले अधिकारी-कर्मचारी कतई बख्शे नहीं जाएगें। उन्होंने कहा कि बच्चों का वजन करना, उनकी लंबाई के अनुसार उन्हें श्रेणियों में रखना तथा उसी के अनुसार उनके स्वास्थ्य वर्धन के लिए काम करें।
बैठक में सीडीओ शशांक त्रिपाठी, डीएफओ आरके त्रिपाठी, डीपीओ मनोज कुमार, डीडीओ दिनकर विद्यार्थी,सीवीओ रवीन्द्र सिंह राठौर, डीईएसटीओ डा0 नरेन्द्र कुमार, डीसी संत कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष सोनी, बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह, डीएचओ मृत्युंजय सिंह सहित अन्य अधिकारी तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे।
Author: samachar
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