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18 January 2025 1:16 pm

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” ऐ पुलिस…ऐ पुलिस” शब्दों की मर्यादा पार करते अखिलेश के इस कथन पर पर अब पुलिसवाले पढ़िए क्या क्या दे रहे जवाब

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

प्रयागराज, ऐ पुलिसवालों….ऐ पुलिस… पुलिस्स्स…. ऐ पुलिस…. ऐ पुलिसवालों, क्यों कर रहे ये तमाशा, तुमसे ज्यादा बदतमीज कोई नहीं हो सकता…क्यों ऐसा कर रहे हो ..ये लगता है कि बीजेपी वाले करा रहे हैं….। शब्दों की मर्यादा पार करते हुए यही बोला था कभी मुख्यमंत्री रहे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार के दौरान कन्नौज जनपद की एक रैली में। अनुशासन की डोर से बंधी पुलिस तब चुनावी दौर में शांत रही। तब ये भी नहीं पता था कि किसकी सरकार बनने वाली है, अगर अपना दुख और गुस्सा जाहिर किया और अखिलेश की सरकार बनी तब तो शामत आ जाएगी। मगर अब जब रिजल्ट आ चुका है, भगवा रंग यूपी में छा चुका है तब यूपी पुलिस के अधिकारी औऱ कर्मचारी अखिलेश के उन वाक्यों का जवाब दे रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर खूब मैसेज औऱ मीम पोस्ट किए जा रहे हैं इस पर। यूपी पुलिस का आक्रोश अब दिख रहा है।

इधर यूपी चुनाव का नतीजा और उधर यूपी पुलिस के सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक अखिलेश के उस भद्दे शब्दों पर अपना गुस्सा उतारने लगे। फेसबुक पर सैकड़ों पुलिसवालों के पोस्ट दिखे हैं जिन पर वे योगी बाबा का बखान और अखिलेश के ऐ पुलिस…की अशिष्टता की तीखी आलोचना कर रहे हैं। कई पोस्ट ऐसे भी दिखे जिन पर लिखा है, अब जरा बोलकर दिखाओ ऐ पुलिस…फिर बताते हैं क्या होती है पुलिस, हम हैं गुंडों के काल…यूपी पुलिस।

गर्मी, सर्दी, बीमारी…हर तकलीफ में आपके साथ…हम हैं यूपी पुलिस

एक वीडियो भी पोस्ट किया जा रहा है जिसमें ये बोल हैं… कहना बहुत आसान है कि अरे पुलिसवाले ऐसे ही होते हैं लेकिन सोचना जरा कि जो इंसान सर्दी, गर्मी, बरसात, दंगे- झगड़े-फसाद, दुर्घटना, बीमारी इन सबमें सबसे पहले पहुंचता है न, वो भी पुलिसवाले ही होता है, यार होली दिवाली पर घर नहीं जा पाते वो, किसी पुलिसवाले को कोसना बहुत आसान है लेकिन हाथ बढ़ाकर उसका शुक्रिया अदा करना बहुत मुश्किल…।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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