विशेष संवाददाता
बस्ती। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह के क्रम में प्रेस क्लब बस्ती में एक परिचर्चा, डाक्यूमेंट्री व अनुभव शेयरिंग कार्यशाला का आयोजन नई दिल्ली की संस्था विश्व युवक केंद्र, युवा विकास समिति व रूद्र रक्षा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया जिसकी अतिथि डॉ श्रेया रहीं. इस मौके पर उन्होंने कहा की सभी को मिल कर महिला अधिकारों के लिए सतत प्रयास करने की जरूरत है. सभी को महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति और सशक्त बनाना होगा. इसके लिए नीति निर्धारण में महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित करनी होगी.
राष्ट्रपति अवार्डी डॉ. सर्वेष्ठ मिश्र ने कहा कि लैंगिक समानता वर्तमान समाज के गंभीर मुद्दों में से एक है. समाज में यह माना जाता है कि महिलाएं समाज को प्रभावी रूप से योगदान देने में असमर्थ हैं, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि वे अपनी पूरी क्षमता को नहीं पहचानती हैं. जिस कारण यह चीजें देखने को मिलती हैं. उन्होंने लैंगिक समानता से जुड़ी फिल्म भी दिखाई.
डॉ. निधि गुप्ता ने कहा कि भारत में पूर्ण लैंगिक समानता की राह कठिन है लेकिन असंभव नहीं है. हमें अपने प्रयासों में ईमानदार होना चाहिए और महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण को बदलने पर काम करना चाहिए. अनीता यादव नें कहा की भारत में पूर्ण लैंगिक समानता के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को एक साथ काम करना होगा और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना होगा. भृगुनाथ त्रिपाठी पंकज नें घरों में होने वाले महिला पुरुष भेदभाव पर प्रकाश डाला.
डॉ. नवीन सिंह ने कहा की भारतीय संविधान में महिलाओं के अधिकारों का संरक्षण करने हेतु उल्लेखित विभिन्न प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें इन प्रावधानों को लागू करने हेतु ईमानदारी से प्रयास करने चाहिए.
डॉ रीता पाण्डेय व शुभ्रा सिंह ने कहा कि लैंगिक समानता का उद्देश्य पुरुषों और महिलाओं के बीच सभी सीमाओं और मतभेदों को दूर करना है. ने कहा की लैंगिक समानता पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करती है.
कार्यक्रम का संचालन रोटेरियन मयंक श्रीवास्तव नें किया. इस मौके पर संगीता यादव, अनुपमा वर्मा, मनीष कुमार, वन्दना, डॉ. कंचन माला त्रिपाठी, राम मूर्ति मिश्र विजेंद्र बहादुर पाल, अहमद अली, राजेन्द्र सिंह, रजनी मिश्र, कहकशा बानो, अंजुम परवीन, सोनिया, जगदीप सिंह, कनकलता शर्मा, आरती कुमारी, उमेश कुमार, किरन शुक्ल, सुमन पाण्डेय, जागृति मिश्रा, ज्योति सिंह, मनीषा शुक्ला, ममता कुमारी, प्रगति मिश्रा, निधि साहू, उमा देवी निषाद, डॉ. रमा शर्मा., संगीता यादव, संध्या दीक्षित, महेंद्र नाथ दूबे, संज्ञा श्रीवास्तव, डॉ, पंकज सोनी श्वेता श्रीवास्तव, रेखा चित्रगुप्त, प्रियंका, नीलम मिश्र, मलिका सबा, सबाना, श्बीहा खातून, राम मोहन पाल, वीना कुमारी, अमृता, मिथिलेश पाण्डेय, को महिला अधिकारों पर कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया.
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."