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18 January 2025 6:52 pm

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मौत को जिंदगी देने का दावा करता रहा तांत्रिक लेकिन फिर हुआ ऐसा….

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गुंजन परिहार की रिपोर्ट

दमोह। ‘अभी काल के पास नहीं गया है वो, अभी भीतर ही है। जल्दी से दरवाजा खुलवाइए, कुछ ही मिनट में वह जीवित हो जाएगा। ऐ… वीडियो कोई नहीं बनाएगा। ज्यादा बोलोगे ताे तुम्हारी वर्दी उतर जाएगी। उठो सोनू, मौत को मात दो…।’

दमोह जिला अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस के बाहर एक बाबा ने मृत युवक को जिंदा करने का दावा कर इसी तरह हंगामा किया। वह खुद को महाकाली का रूप बता रहा था। परिवारवालों की मांग के बाद पोस्टमॉर्टम हाउस के गेट खोल दिए गए, लेकिन बाद में पुलिस ने सभी को वहां से रवाना कर दिया।

शहर के पॉलिटेक्निक कॉलेज के अतिथि विद्वान सोनू ठाकुर ने शनिवार को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। डॉक्टरों ने शव को जिला अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। दिन में तो परिवारवाले चले गए, लेकिन रात 10.30 बजे वे फिर लौटे। उनके साथ एक व्यक्ति भी था, जो खुद को महाकाली का रूप बता रहा था।

बाबा के साथ परिवारवाले शव को बाहर निकालने की जिद पर अड़ गए। बाबा लगातार दावा कर रहा था कि शव को बाहर लेकर आओ, कुछ मिनट में जीवित कर देगा। परिवार के लोग बाबा की बातों में इस कदर अंधे हो चुके थे कि पुलिस और अस्पतालकर्मियों से शव को बाहर लेकर आने की जिद पर अड़ गए।

पोस्टमॉर्टम हाउस का दरवाजा तोड़ने का प्रयास

जब किसी ने उनकी नहीं सुनी तो बाबा आक्रोश में आ गया और पोस्टमॉर्टम हाउस का दरवाजा तोड़ने का प्रयास करने लगा। सूचना पर पुलिस यहां आ तो गई। बाबा ने पुलिस को भी हड़का दिया। बोला- तुम्हारी वर्दी उतर जाएगी। अंतत: परिजन की जिद के आगे पोस्टमॉर्टम हाउस का दरवाजा खोलना पड़ा। मृतक की बहन भीतर गई और शव को देखा। उसके चाहने के बाद भी शव को बाहर नहीं लाया गया। काफी देर तक बाहर खड़ा बाबा नौटंकी करता रहा। आखिरकार कुछ नहीं हुआ और इसके बाद पुलिस ने पोस्टमॉर्टम हाउस को बंद कर परिजन को वापस घर भेज दिया। बाबा भी वहां से चुपचाप निकल गया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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