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26 March 2025 3:48 pm

मौलाना साजिद रशीदी के बयान पर विवाद, छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर टिप्पणी से मचा बवाल

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मौलाना साजिद रशीदी के छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदू धर्म पर दिए गए विवादित बयान से बवाल मच गया है। सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया, हिंदू संगठनों ने जताया कड़ा विरोध। पढ़ें पूरी खबर।

मुस्लिम धर्मगुरु और अखिल भारतीय इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदू धर्म पर अपने बयान से नया विवाद खड़ा कर दिया है। उनके इस बयान से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मच गई है, वहीं सोशल मीडिया पर भी तीखी बहस शुरू हो गई है।

शिवाजी महाराज को लेकर विवादित टिप्पणी

मौलाना साजिद रशीदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को एक “सामान्य राजा” बताते हुए कहा कि उनकी मराठाओं के लिए कोई बड़ी उपलब्धि नहीं थी। उन्होंने आगे यह भी कहा, “लोग औरंगजेब को गाली देते हैं, लेकिन इतिहास की सच्चाई को नहीं झुठलाया जा सकता।”

इस बयान के बाद शिवाजी महाराज के समर्थकों और इतिहास प्रेमियों में आक्रोश फैल गया। वे छत्रपति शिवाजी महाराज को भारत के महान शासकों और रणनीतिकारों में से एक मानते हैं, जिन्होंने मुगलों के खिलाफ संघर्ष कर एक सशक्त मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी।

हिंदू धर्म पर उठाए सवाल

इसके अलावा, मौलाना रशीदी ने हिंदू धर्म की मूल अवधारणा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा,

“आप लोग खुद नहीं जानते कि हिंदू धर्म क्या है। यह सनातन है या कुछ और? वैदिक धर्म में मूर्ति पूजा नहीं थी, यह परंपरा तो सिर्फ 150-200 साल पुरानी है।”

उन्होंने आगे राम और कृष्ण के पूजन से जुड़े सवाल भी उठाए, जो हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए विवादास्पद साबित हुए।

हिंदू विवाह परंपरा पर कटाक्ष

मौलाना रशीदी ने हिंदू विवाह प्रणाली पर भी तंज कसते हुए कहा कि आजकल 36 गुणों का मिलान किया जाता है, जिसे पंडित तय करते हैं। लेकिन, इसके बावजूद कई विवाह एक महीने में टूट जाते हैं। उन्होंने पंडितों पर आरोप लगाते हुए कहा कि “उन्होंने हिंदू धर्म के साथ खिलवाड़ किया है।”

राजाओं के योगदान को बताया नगण्य

इतना ही नहीं, उन्होंने शासकों और राजाओं को लेकर भी विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा,

“राजाओं ने न हिंदुओं के लिए कुछ किया और न ही मुसलमानों के लिए। वे सिर्फ अपनी सत्ता के लिए लड़े।”

यह बयान विशेष रूप से छत्रपति शिवाजी महाराज के समर्थकों को आहत कर गया, क्योंकि वे उन्हें जनता के राजा के रूप में देखते हैं, जिन्होंने न केवल हिंदू संस्कृति की रक्षा की बल्कि एक स्वतंत्र हिंदवी स्वराज्य की स्थापना भी की।

सोशल मीडिया पर भारी विरोध

मौलाना के इन बयानों के बाद हिंदू संगठनों और शिवाजी महाराज के समर्थकों में रोष फैल गया है। कई लोगों ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है।

सोशल मीडिया पर भी विरोध तेज हो गया है। एक यूजर ने लिखा

“शिवाजी महाराज हमारे गौरव हैं। उनकी तुलना किसी सामान्य राजा से करना शर्मनाक है।”

वहीं, कुछ लोगों ने इसे धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश बताया। हिंदू संगठनों ने इस बयान की निंदा करते हुए मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

मौलाना साजिद रशीदी के इस बयान ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है। इतिहास प्रेमी और हिंदू संगठनों ने इसे शिवाजी महाराज का अपमान करार दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है और क्या कानूनी कार्रवाई की जाती है।

➡️संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट

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