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10 March 2025 12:44 pm

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मासूम पर हैवानियत! 30 थप्पड़, थूक चटवाया, फिर बाथरूम में कैद – ऐसा आतंक?

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ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के आगरा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक नर्सरी कक्षा के छह साल के बच्चे के साथ आठवीं के छात्र ने अमानवीय बर्ताव किया। आरोपी छात्र ने पहले नन्हे बच्चे को 30 बार थप्पड़ मारे, फिर उसे थूक चाटने पर मजबूर किया और बाद में बाथरूम में बंद कर दिया। यही नहीं, आरोपी ने बच्चे को इस घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी।

घटना के खुलासे से हिला परिवार

यह घटना कुछ दिन पहले लोहामंडी थाना क्षेत्र स्थित डीपीएस स्कूल में हुई, लेकिन बच्चे के परिजनों को इसकी जानकारी अब मिली। पीड़ित बच्चे के पिता, जो सोल के कारोबारी हैं, ने बताया कि उनका बेटा पिछले कुछ दिनों से स्कूल का नाम सुनकर डरने लगा था। यहां तक कि वह नींद में भी घबराकर कुछ बोलता रहता था। जब परिजनों ने बच्चे से प्यार से पूछताछ की, तो उसने अपनी आपबीती सुनाई, जिसे सुनकर परिवार सदमे में आ गया।

डर के कारण बच्चे ने नहीं बताई सच्चाई

बच्चे ने बताया कि स्कूल में आरोपी सीनियर छात्र अक्सर उसे परेशान करता था। घटना वाले दिन उसने पहले जमकर पीटा, फिर थूक चटवाया और बाथरूम में बंद कर दिया। इतना ही नहीं, आरोपी ने धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया, तो वह उसे जान से मार देगा। इस डर की वजह से बच्चा चुप रहा और मानसिक रूप से परेशान रहने लगा।

स्कूल प्रशासन की कार्रवाई और पुलिस जांच

घटना की जानकारी मिलते ही बच्चे के पिता ने तुरंत स्कूल प्रबंधन से शिकायत की। इसके बाद स्कूल ने आरोपी छात्र को सस्पेंड कर दिया। हालांकि, परिजन इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

एक सांकेतिक तस्वीर जिसमें स्कूल में बच्चे के साथ दुर्व्यवहार को दिखाया गया है

आगरा पुलिस कमिश्नरेट के अपर पुलिस आयुक्त संजीव त्यागी ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। सभी तथ्यों की गहनता से जांच की जा रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

इस घटना से उठते गंभीर सवाल

यह घटना केवल एक स्कूल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बड़ी समस्या की ओर इशारा करती है। स्कूलों में बढ़ती हिंसा और रैगिंग जैसी घटनाएं बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को गहरा आघात पहुंचा सकती हैं। अभिभावकों और स्कूल प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि इस तरह की घटनाओं को समय रहते रोका जा सके।

यह मामला दिखाता है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। पुलिस की जांच के बाद यह साफ होगा कि आरोपी छात्र के खिलाफ और क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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