अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में अपने X (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान एक नाविक परिवार की 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई का दावा किया। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और लोग सवाल उठाने लगे कि आखिर पिंटू मेहरा नाम के इस नाविक ने इतनी बड़ी कमाई कैसे कर ली?
पिंटू मेहरा: नाविक या बड़ा व्यवसायी?
पिंटू मेहरा एक नाविक परिवार से ताल्लुक रखते हैं, लेकिन उनका कारोबार सिर्फ नाव संचालन तक सीमित नहीं है। उनका परिवार महाकुंभ और माघ मेलों में सड़क निर्माण और बिजली के सब-स्टेशन तैयार करने का भी ठेका लेता है। खास बात यह है कि उनकी मां, शुक्लावती देवी, उत्तर प्रदेश बिजली विभाग की रजिस्टर्ड ठेकेदार हैं।
इस खुलासे के बाद सवाल यह उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस पूरी सच्चाई की जानकारी थी या फिर यह सिर्फ महाकुंभ की सफलता को दर्शाने के लिए प्रचार का एक हिस्सा था?
क्या नाव चलाकर 30 करोड़ रुपये कमाना संभव है?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने संगम तक जाने के लिए नावों का किराया ₹75 से ₹100 प्रति व्यक्ति तय किया था। एक नाव में अधिकतम 8 यात्री बैठ सकते थे और महाकुंभ के दौरान कई दिनों तक नाव संचालन भी बंद रहा।
अगर गणना करें
पिंटू मेहरा के पास 130 नावें थीं।
एक नाव रोजाना 8 चक्कर लगाती थी।
प्रत्येक नाव में 8 यात्री सफर करते थे।
औसतन ₹100 किराया प्रति व्यक्ति लिया गया।
इस हिसाब से
1 नाव की एक दिन की कमाई: ₹6,400
130 नावों की एक दिन की कुल कमाई: ₹8.32 लाख
45 दिनों की कुल अधिकतम कमाई: ₹3.74 करोड़
👉 ऐसे में 30 करोड़ रुपये की कमाई तभी संभव हो सकती है, जब श्रद्धालुओं से मनमाना किराया वसूला गया हो या फिर यह सिर्फ नाव संचालन की कमाई नहीं, बल्कि अन्य ठेकेदारी व्यवसाय से होने वाली कमाई भी शामिल हो।
क्या योगी आदित्यनाथ को सच्चाई पता थी?
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में पिंटू मेहरा की प्रशंसा करते हुए उन्हें महाकुंभ से बढ़ते रोजगार का उदाहरण बताया, लेकिन अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या योगी सरकार को पूरी सच्चाई पता थी?
क्या अधिकारियों ने मुख्यमंत्री से जानकारी छुपाई?
क्या महाकुंभ की सफलता को दिखाने के लिए यह आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया?
राजनीतिक विवाद और विपक्ष का हमला
पिंटू मेहरा की कमाई को लेकर उठे विवाद के बीच विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर हमला बोल दिया। पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव ने दावा किया कि पिंटू मेहरा का नाम सितंबर 2017 में महाकवि निराला के प्रपौत्र अखिलेश त्रिपाठी की हत्या से जुड़ा है।
अब यह मामला सिर्फ आर्थिक आंकड़ों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें आपराधिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक विवाद भी जुड़ चुका है।
क्या पिंटू मेहरा सही उदाहरण हैं?
महाकुंभ निश्चित रूप से प्रयागराज में रोजगार के अवसर पैदा करता है, लेकिन क्या पिंटू मेहरा इसकी सही मिसाल हैं? यह सवाल अब आम जनता और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन चुका है।
👉 क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस पर कोई स्पष्टीकरण देंगे?
👉 क्या पिंटू मेहरा की 30 करोड़ की कमाई का सच सामने आएगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और क्या यह मामला आगे और बड़ा रूप लेगा?
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की