जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
मऊ जिले की घोसी तहसील में शुक्रवार को एक अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक बुजुर्ग व्यक्ति ने एसडीएम न्यायिक के वाहन को रोककर उन पर 50 हजार रुपये लेने का आरोप लगाते हुए जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। यह घटना तहसील परिसर में चर्चा का विषय बन गई और वहां मौजूद लोगों की भीड़ जमा हो गई।
क्या है पूरा मामला?
घोसी तहसील क्षेत्र के सरयां गांव निवासी वरुण कुमार पुत्र लालचंद ने तहसीलदार द्वारा दिए गए आदेश के खिलाफ एसडीएम न्यायालय में अपील की थी। यह मामला वरासत से जुड़ा था, जिसमें तहसीलदार ने शक्कल नामक महिला की एक बेटी ज्योति के बेटे को वारिस घोषित कर दिया था, जबकि दूसरी बेटी के बेटों को इससे बाहर रखा गया था। वरुण कुमार ने इस फैसले को चुनौती देते हुए एसडीएम न्यायालय में अपील की थी।
एसडीएम न्यायिक राजेश कुमार अग्रवाल ने चार फरवरी को वरुण कुमार की अपील को खारिज कर दिया और तहसीलदार के आदेश को बरकरार रखा। इस फैसले से असंतुष्ट वरुण के पिता लालचंद शुक्रवार दोपहर तहसील परिसर में पहुंचे और जब एसडीएम न्यायिक अपने सरकारी वाहन में बैठने लगे, तो उन्होंने गाड़ी के सामने खड़े होकर आरोप लगाया कि उनके पक्ष में फैसला करने के लिए उनसे 50 हजार रुपये लिए गए थे। वह जोर-जोर से चिल्लाने लगे और पैसे वापस करने की मांग करने लगे।
एसडीएम न्यायिक ने आरोपों को किया खारिज
इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। एसडीएम न्यायिक ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने कोई पैसा नहीं लिया है और अगर किसी ने उनसे पैसे लिए हैं, तो वह उनसे मांगें। उन्होंने इस घटना को साजिश करार दिया और बताया कि संबंधित पक्ष फर्जी तरीके से पति-पत्नी बनकर वसीयतनामा तैयार करा रहे थे, जिसके कारण उनकी अपील खारिज की गई।
एसडीएम ने यह भी कहा कि संबंधित पक्ष बार-बार उन पर अपने पक्ष में फैसला देने का दबाव बना रहा था और जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने गाड़ी के सामने धरना देकर यह सारा हंगामा किया।
तहसील परिसर में हंगामा, फिर हुआ शांत माहौल
तहसील परिसर में इस घटना को लेकर कुछ देर तक अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। वहां मौजूद लोगों के बीच भी चर्चा शुरू हो गई। हालांकि, एसडीएम न्यायिक ने बुजुर्ग को समझा-बुझाकर वापस भेज दिया और स्थिति को संभाल लिया।
इस पूरी घटना के बाद तहसील परिसर में माहौल शांत हुआ, लेकिन इस घटना को लेकर कानूनी प्रक्रिया और न्यायिक निष्पक्षता पर चर्चा का दौर शुरू हो गया है।
Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की