अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
प्रयागराज। महाकुंभ में हुई भगदड़ के चौथे दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्थिति का जायजा लेने प्रयागराज पहुंचे। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और संत समाज से मुलाकात कर घटना की विस्तृत जानकारी ली। सीएम योगी सबसे पहले उस स्थल पर गए, जहां भगदड़ मची थी। उन्होंने मेला अधिकारी विजय किरण आनंद से इस घटना की पूरी रिपोर्ट ली और समझा कि किस ओर से भीड़ आई, भगदड़ कैसे शुरू हुई, और राहत-बचाव कार्य कितनी जल्दी शुरू किया गया।
संतों से मिले सीएम योगी, रामभद्राचार्य जी ने लगाया गले
मेला क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत समाज से मिलने पहुंचे। जब वह तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी से मिले, तो उन्होंने स्नेहपूर्वक उन्हें गले लगा लिया। संतों के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए योगी आदित्यनाथ ने उन्हें फल और दक्षिणा भेंट की। इस दौरान संत रामकमलदास वेदांती महाराज और सतुआ बाबा को जगतगुरु के रूप में मान्यता दी गई।
मुख्यमंत्री ने महाकुंभ की भव्यता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अब तक 32 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि आगामी बसंत पंचमी के पर्व के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, ताकि स्नान के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
उपराष्ट्रपति ने भी किया स्नान, पक्षियों को खिलाया दाना
शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी महाकुंभ पहुंचे। उन्होंने संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ संगम तट तक गए और दोनों ने साथ मिलकर पक्षियों को दाना खिलाया।
महाकुंभ में 77 देशों के प्रतिनिधि पहुंचे, संतों ने निभाई अभिभावक की भूमिका
महाकुंभ का आकर्षण केवल भारत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि 77 देशों के प्रतिनिधि इस दिव्य आयोजन में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचे। संतों की सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विदेशी मेहमानों का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने भगदड़ के दौरान संतों के योगदान की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा,
“जब भगदड़ की स्थिति बनी, तब संत समाज ने अभिभावक की तरह श्रद्धालुओं को संभाला। उनके संयम और धैर्य ने स्थिति को नियंत्रण में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
शनिवार को महाकुंभ में 1.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जिससे इसकी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक भव्यता और अधिक बढ़ गई। प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं, ताकि आगे किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
महाकुंभ की महिमा और सुरक्षा पर विशेष ध्यान
प्रयागराज महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं का जीवंत स्वरूप है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा और व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो।
बसंत पंचमी के पावन स्नान को लेकर भी विशेष सावधानियां बरती जा रही हैं। प्रशासन ने अधिक पुलिस बल तैनात करने के साथ-साथ स्नान घाटों पर भीड़ प्रबंधन के लिए कई उपाय किए हैं।
इस बार का महाकुंभ भारतीय संस्कृति, संत परंपरा और वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिकता के प्रचार-प्रसार का एक ऐतिहासिक प्रमाण बन चुका है।