ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह ने महिलाओं को ठगने के लिए पुलिसकर्मी होने का ढोंग रचकर बड़ी-बड़ी वारदातों को अंजाम दिया था। मंगलवार को आगरा पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान गिरोह के पांच शातिर ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। मुठभेड़ के दौरान पुलिस की गोली लगने से गिरोह के दो सदस्य घायल हो गए।
गिरफ्तार गिरोह के सदस्य और उनकी पहचान
आगरा के डीसीपी सिटी सूरज राय ने एक प्रेस वार्ता में इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि थाना लोहामंडी पुलिस और एसओजी की टीम ने इस गिरोह को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों में हाशिम हुसैन (मध्य प्रदेश), सलीम उर्फ सलमान (टेड़ी बगिया, थाना ट्रांस यमुना, आगरा) शामिल हैं, जो मुठभेड़ में घायल हुए हैं। अन्य तीन गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मीसम हुसैन (मध्य प्रदेश), हसन अली उर्फ हसनैन अली (रायगढ़, उड़ीसा), और मोईन (मध्य प्रदेश) के रूप में हुई है।
गिरोह का काम करने का तरीका
पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने जो खुलासे किए, उससे पुलिस भी हैरान रह गई। गिरोह के सदस्य नकली पुलिसकर्मी बनकर राह चलती महिलाओं को रोकते थे। फर्जी पुलिस पहचान पत्र दिखाकर वे महिलाओं को चोरी होने का डर दिखाते और उनसे पहने हुए गहने उतरवा लेते थे। इसके बाद असली गहनों को नकली गहनों से बदलकर फरार हो जाते थे।
गिरोह ने 17 दिसंबर 2024 को नौबस्ता चौराहे पर एक महिला को इसी तरह से ठग लिया था। महिला के कान के कुंडल बदलकर फरार हो जाने की घटना भी उनके अपराधों में शामिल है।
गिरोह का नेटवर्क और गिरफ्तारी
गिरोह का नेटवर्क मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैला हुआ था। ये लोग आगरा आकर अपनी वारदातों को अंजाम दे रहे थे। डीसीपी सूरज राय ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस की वर्दी, फर्जी परिचय पत्र और ठगी के दौरान इस्तेमाल किए गए अन्य सामान बरामद हुए हैं। ठगे गए गहनों को बेचकर ये पैसे आपस में बांट लेते थे।
इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है और मामले की गहराई से जांच जारी है।