कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी (निघासन)। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतक रामचंद्र के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं और शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। घटना के विरोध में स्थानीय ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
पुलिस और परिजनों के बीच बढ़ा तनाव
मृतक के अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस और परिजनों के बीच तनातनी हो गई। जब पुलिस अधिकारियों ने शव का अंतिम संस्कार करवाने की कोशिश की, तो परिजन आक्रोशित हो गए और तीखी नोकझोंक हुई। इस दौरान, एक क्षेत्राधिकारी (सीओ) ने परिजनों को धमकाने वाले शब्द कहे, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वीडियो में सीओ कहते नजर आ रहे हैं, “ना मझगईं थाना सस्पेंड होगा, ना निघासन थाना सस्पेंड होगा, ना कोई मुआवजा मिलेगा। जितने दिन रखना है, रख लो डेड बॉडी को घर पर। चार दिन, पांच दिन… जितने दिन मन हो।”
क्या है मामला?
घटना लखीमपुर के निघासन इलाके की है, जहां जंगल में लकड़ी बीनने गए रामचंद्र (36) को पुलिस ने हिरासत में लिया। आरोप है कि पुलिस ने उसे शराब का अवैध कारोबारी बताते हुए जमकर पिटाई की। जब हालत गंभीर हो गई, तो आनन-फानन में उसे निघासन के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मौत के बाद, पुलिसकर्मी घबरा गए और शव को अस्पताल में लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गए।
परिजनों का आरोप
मृतक के छोटे भाई दिनेश का कहना है कि उनका भाई रामचंद्र रोज की तरह लकड़ी बीनने जंगल गया था। पुलिस ने उसे शराब तस्कर बताते हुए पकड़ा और बुरी तरह पीटा। उसने बार-बार पुलिस से रहम की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी।
परिजन का आरोप है कि पुलिस की पिटाई के कारण रामचंद्र की मौत हुई और बाद में शव को अस्पताल में फेंक दिया गया। घटना की सूचना मिलने के बाद जब परिजन अस्पताल पहुंचे, तो उन्होंने शव की पहचान की और रो-रोकर अपना हाल बुरा कर लिया।
महिला पुलिसकर्मी पर भी गंभीर आरोप
घटना के बाद अस्पताल परिसर में मृतक की पत्नी पूनम और बहन कांती समेत अन्य परिजन चीख-पुकार कर रहे थे। आरोप है कि महिला पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ मृतक की पत्नी और बहन को घसीटा, बल्कि पूनम को थप्पड़ भी मारा। इसके बाद जबरन शव को एंबुलेंस में डालकर वहां से ले जाने की कोशिश की गई।
ग्रामीणों में आक्रोश
इस क्रूरता को देखकर अस्पताल के बाहर मौजूद ग्रामीणों में गुस्सा और डर दोनों फैल गया। लोगों का कहना है कि पुलिस ने इस घटना से अपनी क्रूरता की सभी हदें पार कर दी हैं।
सरकार और प्रशासन की चुप्पी
इस पूरे मामले को लेकर प्रशासन की चुप्पी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। परिजन इंसाफ और मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन पुलिस के बयान और रवैया ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है।
न्याय की गुहार
रामचंद्र के परिजनों और ग्रामीणों ने सरकार से न्याय की मांग की है। उनका कहना है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो और परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाए। फिलहाल, शव को परिजनों ने अपने घर में रख लिया है और अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है।
यह घटना उत्तर प्रदेश पुलिस के रवैये पर गंभीर सवाल खड़े करती है। प्रशासन की भूमिका और इस मामले में कार्रवाई के लिए प्रदेश सरकार पर दबाव लगातार बढ़ रहा है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."