ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
मथुरा के कलेक्ट्रेट ऑफिस में उस समय हड़कंप मच गया, जब मांट तहसील के गांव नसीटी का रहने वाला एक युवक आत्मदाह की कोशिश करने पहुंचा। युवक का नाम देवेंद्र भारद्वाज है, जो अपने पिता और चार भाइयों के साथ जमीन विवाद के चलते परेशान था। देवेंद्र ने आरोप लगाया कि उसे उसके हिस्से की जमीन नहीं दी जा रही, और स्थानीय अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी उसकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।
देवेंद्र अपनी शिकायत लेकर जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय पहुंचा। वह लंबे समय तक डीएम शैलेन्द्र के बाहर आने का इंतजार करता रहा। इसी बीच उसने अपनी जेब से पानी की बोतल निकाली, जिसमें पेट्रोल भरा हुआ था। यह देखकर मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए बोतल और उसके पास मौजूद माचिस छीन ली।
युवक ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि उसने पहले भी कई बार शिकायत पत्र दिए हैं, लेकिन अब तक उसे न्याय नहीं मिला। इसी निराशा में उसने आत्मदाह का कदम उठाने का फैसला किया। उसने कहा कि उसके पिता उसे जमीन में हिस्सा देने को तैयार नहीं हैं, जबकि वह अपनी संपत्ति में अपना हक चाहता है।
इस घटना पर जिलाधिकारी शैलेन्द्र ने बताया कि देवेंद्र भारद्वाज का अपने पिता और भाइयों के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। देवेंद्र के पिता जिंदा हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति में उसे हिस्सा देने से इनकार कर दिया है। कानूनी तौर पर देवेंद्र का पक्ष कमजोर है, क्योंकि संपत्ति के मालिक उसके पिता हैं और उनके जीवित रहते हुए वह किसी हिस्से का दावा नहीं कर सकता।
हालांकि, डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वे इसे सामाजिक दृष्टि से सुलझाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि फरियादी को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो।
इस घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक व्यवस्था और न्याय की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया कि निराशा और हताशा में लिए गए कदम न केवल व्यक्तिगत जीवन को खतरे में डालते हैं, बल्कि समाज और प्रशासन को भी झकझोर देते हैं।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."