संतोष कुमार सोनी की रिपोर्ट
बांदा जिले में अवैध खनन के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने सख्ती तेज कर दी है। जिलाधिकारी के नेतृत्व में गठित संयुक्त टीम ने बीते सप्ताह जिले की चार प्रमुख खदानों में जांच अभियान चलाया। इन जांचों के दौरान बड़े पैमाने पर अवैध खनन का खुलासा हुआ, जिसके चलते खदान संचालकों पर भारी जुर्माने लगाए गए। साथ ही, दो खदानों पर खनन कार्य रोकने के आदेश भी जारी किए गए हैं।
मरौली खादर में बड़ी कार्रवाई
जिलाधिकारी के निर्देश पर 26 दिसंबर को मरौली खादर में जांच अभियान चलाया गया। जांच में पाया गया कि 1471 घन मीटर क्षेत्र में खदान के अंदर और 2003 घन मीटर क्षेत्र में खदान के बाहर अवैध रूप से खनन किया गया था। इस अनियमितता के लिए खदान पट्टाधारक प्रशांत गुप्ता पर 31.26 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
बरियारी खदान में भारी अनियमितता
27 दिसंबर को नरैनी क्षेत्र की बरियारी खदान में जांच की गई। यहां 8281 घन मीटर अवैध खनन पाया गया। इस गंभीर अनियमितता के लिए खदान पट्टाधारक पर 99.39 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया गया।
दूसरी खदान पर भी कार्रवाई
मरौली खादर की दूसरी खदान की जांच में भी नियमों का उल्लंघन पाया गया। यहां पट्टाधारक संजीव कुमार गुप्ता द्वारा 4371 घन मीटर अवैध खनन किया गया था। इस पर जिलाधिकारी ने 39.34 लाख रुपये का जुर्माना ठोका।
बेंदाखादर खदान पर रोक
30 दिसंबर को बेंदाखादर खदान की जांच की गई, जो कैलाश सिंह यादव के नाम पर आवंटित है। जांच में 2139 घन मीटर अवैध खनन का मामला सामने आया। इस पर जिलाधिकारी ने 19.25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और खदान पर खनन कार्य रोकने का आदेश जारी किया। साथ ही संबंधित पक्ष को नोटिस भी जारी की गई।
प्रशासन की सख्ती जारी
बांदा जिले में अवैध खनन की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में भी खनन गतिविधियों पर प्रशासन की सख्त नजर बनी रहेगी। जिले में अवैध खनन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई और जुर्माने की प्रक्रिया जारी रहेगी, जिससे इस तरह की गतिविधियों पर पूर्णत: अंकुश लगाया जा सके।
प्रशासन की इस सख्ती से अवैध खनन करने वाले खनन माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। यह कार्रवाई न केवल जिले में कानून का पालन सुनिश्चित करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और संसाधनों के दुरुपयोग पर रोक लगाने में भी अहम भूमिका निभाएगी।
Author: samachar
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