नौशाद अली की रिपोर्ट
बलरामपुर जिले में जिलाधिकारी (डीएम) की देखरेख में “नमो ड्रोन दीदी” कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अभिनव पहल के तहत, जिले में स्वयं सहायता समूहों का चयन किया गया है, जिनकी महिलाओं को ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण और कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
प्रशिक्षण और चयन की प्रक्रिया
कार्यक्रम के तहत प्रत्येक चयनित स्वयं सहायता समूह से एक महिला पायलट का चयन किया जाएगा। इन महिला पायलटों को विशेष प्रशिक्षण देकर उन्हें ड्रोन उड़ाने और संचालन में दक्ष बनाया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, ये महिलाएं अपने समूह की अन्य सदस्यों को भी प्रशिक्षित करेंगी, जिससे ड्रोन तकनीक का लाभ व्यापक स्तर पर पहुंच सके।
कृषि में ड्रोन का उपयोग
महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद किसानों की मददगार बनेंगी। ड्रोन के माध्यम से खेतों में कीटनाशक, लिक्विड यूरिया, डीएपी और अन्य तरल उर्वरकों का छिड़काव किया जाएगा। यह प्रक्रिया न केवल समय और श्रम की बचत करेगी, बल्कि कृषि उत्पादन को भी बढ़ावा देगी। किसान एक नाममात्र शुल्क अदा कर इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे।
महिलाओं के लिए आजीविका का साधन
जिलाधिकारी ने कहा कि “नमो ड्रोन दीदी” योजना से महिलाओं को स्थायी रोजगार और आजीविका के साधन उपलब्ध होंगे। चयनित समूहों को कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग से आय अर्जित करने का अवसर मिलेगा। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को इस प्रक्रिया में तेजी लाने और प्रशिक्षण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारीगण
इस मौके पर जिला विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक (डीआरडीए), डीसी (एनआरएलएम), उपनिदेशक कृषि, जिला कृषि अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपने सुझाव और सहयोग प्रदान किया।
महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत
“नमो ड्रोन दीदी” कार्यक्रम बलरामपुर जिले में महिलाओं के लिए एक नई शुरुआत साबित हो सकता है। यह न केवल उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाएगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और समाज में अपनी पहचान स्थापित करने में भी मदद करेगा।