ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। इस वीडियो में कुछ महिलाओं के बयानों ने एक नई बहस को जन्म दिया है। वीडियो में दिखाया गया है कि कुछ महिलाएं भारतीय कानून पर अपनी असहमति जाहिर कर रही हैं, लेकिन वे संविधान को स्वीकार करने की बात करती हैं।
महिलाओं का बयान
वीडियो में महिलाएं कहती हैं, “आप कानून की बात कर रहे हो, हम हिंदुस्तान का कानून मानते ही नहीं। ऐसे कानून से तो अच्छा है कि आदमी बिना कानून का रहे। यहां का कानून एकदम बकवास है।” जब उनसे पूछा गया कि वे कहां से हैं, तो उन्होंने बताया कि वे लखनऊ से हैं। इसके बाद जब उनसे संविधान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हम संविधान को पूरी तरह मानते हैं।”
वीडियो पर प्रतिक्रियाएं
इस वीडियो ने सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी है। कई यूजर्स ने अपनी नाराजगी जाहिर की। एक यूजर ने लिखा, “लगता है इन्हें भी मुग़ल लेकर आए थे।” वहीं, कुछ लोगों ने लिखा, “अगर भारत का कानून पसंद नहीं, तो पाकिस्तान या बांग्लादेश चले जाओ।” कुछ यूजर्स ने महिलाओं को सीरिया भेजने की बात तक कह डाली।
सोचने का विषय
यह वीडियो न केवल भारतीय कानून और संविधान के प्रति लोगों की सोच को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि समाज में कितनी अलग-अलग धाराएं और विचार मौजूद हैं। हालांकि, यह बात भी गौर करने वाली है कि महिलाओं ने संविधान को मानने की बात कही, लेकिन कानून को लेकर उनकी असहमति पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
वायरल वीडियो का संदेश
यह वीडियो यह समझने का मौका देता है कि कानून और संविधान के प्रति लोगों का रवैया क्यों और कैसे अलग हो सकता है। यह एक गंभीर मुद्दा है, जिसे संवेदनशीलता के साथ समझने और चर्चा करने की जरूरत है।
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यह घटना इस बात की ओर भी इशारा करती है कि कानून व्यवस्था को लेकर जनता के मन में गुस्सा और असंतोष क्यों पनपता है, और इसे दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की