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November 1, 2024 3:03 pm

तंत्र साधना के लिए डेढ़ साल की एक मासूम बच्ची की चोरी का सनसनीखेज मामला आपके रुह कंपा देगा

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

उत्तराखंड के ऋषिकेश में दीवाली के नजदीक एक मासूम बच्ची को तंत्र विद्या की साधना या किसी अन्य कारण से चोरी करने की चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पुलिस ने इस मामूली बच्ची को कुछ ही घंटों में सकुशल ढूंढ निकाला, जिससे परिवार को बड़ी राहत मिली।

दरअसल, घटना रविवार की है, जब ऋषिकेश के छतईखेला, जिला उन्नाव निवासी संजय ने ऋषिकेश कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई। संजय ने पुलिस को बताया कि उनकी डेढ़ साल की बेटी, रिवांशी, जो घर के आंगन में खेल रही थी, उसे किसी अज्ञात महिला ने चोरी कर लिया। 

जब घटना हुई, उस वक्त रिवांशी की मां आंगन के पास कपड़े धो रही थीं। इस तरह का मामला सामने आते ही पुलिस हरकत में आई और उन्होंने बच्ची को ढूंढने के लिए फौरन टीमें तैनात कर दीं। सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की गई और आसपास के इलाकों में सघन खोज अभियान चलाया गया।

कुछ ही घंटों के भीतर पुलिस को त्रिवेणी घाट की ओर एक संदिग्ध महिला दिखाई दी, जिसके गोद में एक बच्ची थी। इस दौरान पुलिस टीम के साथ मौजूद परिवार के सदस्यों ने बच्ची को पहचान लिया। पुलिस ने बच्ची को तुरंत अपनी हिरासत में लिया और महिला को भी पकड़ लिया। पूछताछ में महिला ने अपनी पहचान नितेश कुमारी पत्नी नीरज, निवासी दानीपुर थाना पिहानी जिला हरदोई, उत्तर प्रदेश के रूप में बताई।

इस घटना में एक नया मोड़ तब आया जब बच्ची की चोरी के पीछे तंत्र विद्या की साधना या बच्ची को किसी निसंतान दंपति को बेचने का संदेह जताया गया। 

गौरतलब है कि भारत में दीवाली के आसपास तंत्र विद्या से जुड़े अनुष्ठानों के लिए बच्चों की चोरी की कई घटनाएं सामने आती हैं। पुलिस को शक है कि यह मामला भी इसी दिशा में हो सकता है। हालांकि, पकड़ी गई महिला का कहना है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, लेकिन पुलिस यह समझने की कोशिश कर रही है कि क्या यह दावा महज बचाव का एक तरीका है या उसकी स्थिति वास्तव में ऐसी है।

पुलिस अधिकारी आरएस खोलिया ने बताया कि महिला से गहन पूछताछ की जा रही है और मामले के सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। पुलिस की तत्परता से बच्ची को जल्दी बरामद कर लिया गया, जिससे एक बड़ी अनहोनी होने से टल गई।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."