अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक दिवसीय दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी राय रखी। उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी उपचुनाव से किसी की सरकार नहीं गिरेगी और न ही बनेगी। राजभर ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी और न ही उन्हें किसी टिकट की आवश्यकता है, इसलिए वे किसी भी तरह की नाराजगी महसूस नहीं करते।
राजभर ने नौकरी के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से 38 प्रतिशत मुस्लिम समुदाय को सरकारी नौकरियां मिली हैं, जो एक सकारात्मक पहलू है। इसके अलावा, जब मदरसों के बंद होने के सवाल पर उनसे पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि प्रदेश में 513 मदरसों में बच्चे नहीं हैं और मदरसा संचालकों ने शपथ पत्र दिया है कि उनकी मान्यता निरस्त कर दी जाए। उन्होंने बताया कि 700 और मदरसों की स्थिति भी बेहद खराब है, और अवैध मदरसों में नकली नोट छापने का काम हो रहा है। इस पर उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मदरसों का उद्देश्य शिक्षा है, न कि अवैध गतिविधियों का केंद्र बनना।
इस दौरान राजभर ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखे आरोप लगाए। बहराइच हिंसा में मारे गए राम गोपाल मिश्रा के मामले में यादव के प्रतिनिधिमंडल के नहीं जाने को लेकर राजभर ने टिप्पणी की कि जब यादव को कोई नुकसान होगा, तो अखिलेश वहां जाएंगे, लेकिन अगर कोई और मारा जाता है, तो उनकी चुप्पी रह जाती है। उन्होंने बहराइच हिंसा को लेकर अधिकारियों की सूझबूझ की तारीफ की और कहा कि उनकी वजह से एक बड़ा दंगा होने से बच गया।
राजभर ने सपा सरकार के कार्यकाल में 815 दंगों का उल्लेख करते हुए बीजेपी सरकार के समय केवल एक घटना होने की बात कही। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष का काम केवल आरोप लगाना होता है। बीजेपी विधायक के बेटे के साथ हुई घटना पर उन्होंने कहा कि मामले में केस दर्ज किया गया है और जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह ओमप्रकाश राजभर ने अपनी बातों के जरिए न केवल अपनी पार्टी की स्थिति को स्पष्ट किया, बल्कि समाजवादी पार्टी और उनके नेतृत्व पर भी सीधा हमला किया, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गरमा गया।
Author: samachar
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