कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी में, एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है, जिसमें भूमाफियाओं द्वारा सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है।
इस घोटाले ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों और हाईकोर्ट के आदेशों को भी दरकिनार कर दिया है। मामला सरोजिनी नगर तहसील के अंतर्गत बंथरा सिकंदरपुर क्षेत्र का है, जहां पिछले 50 वर्षों से सरकारी भूमि पर अवैध रूप से दुकानें और शोरूम बनाए गए हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुंडा-माफिया विरोधी अभियान चलाकर यूपी में अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए थे, लेकिन इस क्षेत्र में भूमाफियाओं ने सत्ता में बैठे कुछ नेताओं के संरक्षण में खुलेआम सरकारी जमीन पर कब्जा किया है।
नगर पंचायत की भूमि, खासतौर पर गाटा संख्या 544/2021, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए आरक्षित थी, पर भी अवैध निर्माण कर दिए गए हैं।
स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की और उच्च अधिकारियों को इस अवैध कब्जे के बारे में सूचित किया। इसके बावजूद राजस्व विभाग और अन्य संबंधित अधिकारी इस मामले पर कोई कठोर कार्रवाई करने में असफल रहे हैं।
खबरों के अनुसार, इस मुद्दे पर सरोजिनी नगर के उपजिलाधिकारी को हाईकोर्ट ने 7 फरवरी 2024 को अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया था, लेकिन अधिकारियों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है, जिससे आम जनता में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया है।
यह स्पष्ट है कि भूमाफियाओं को सत्ता में बैठे कुछ नेताओं का समर्थन प्राप्त है, और इसी के बल पर वे बेखौफ होकर सरकारी जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। कई बार मुख्यमंत्री को भी इस बारे में आईजीआरएस के माध्यम से सूचित किया गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
अब सवाल यह उठता है कि क्या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस मामले में सख्त कदम उठाएंगे और सरकारी जमीन को भूमाफियाओं के कब्जे से मुक्त कर पाएंगे या नहीं। जनता की नज़रें अब सरकार की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि योगी सरकार इस अवैध कब्जे को रोकने में सफल होती है या नहीं।
Author: samachar
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