ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां बैंक अधिकारियों की साठगांठ के कारण तीन साल पहले मर चुके किसान के नाम पर फर्जी तरीके से किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) बनाकर तीन लाख रुपए का कर्ज लिया गया। यह मामला लखीमपुर जिले के रमिया बेहड़ क्षेत्र का है। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब मृतक किसान के परिजनों को इसकी जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला आर्यावर्त बैंक की सुजानपुर शाखा से जुड़ा है, जहां बैंक मैनेजर और बिचौलियों ने मिलकर मृत किसान की कृषि योग्य भूमि के कागजात का फर्जीवाड़ा किया। इसके जरिए तीन लाख रुपए का केसीसी लोन निकाला गया।
पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाया कि बैंक के मैनेजर और बिचौलियों ने मिलकर यह रकम आपस में बांट ली। इसके खिलाफ परिजनों ने पुलिस में तहरीर दी है और न्याय की गुहार लगाई है।
मामले के अनुसार, मझगई थाना क्षेत्र के भदुराइयां गांव के रहने वाले अफसर के दादा, सैफू, की तीन एकड़ कृषि योग्य भूमि घोड़ाघाट (कुर्तैहा) थाना पढ़ुआ क्षेत्र में स्थित थी।
दशकों पहले घाघरा नदी के कटान के कारण उनकी पुश्तैनी जमीन नदी में समा गई थी, जिसके बाद उनका परिवार भदुराइयां में बस गया। अफसर के दादा सैफू का निधन लगभग तीस साल पहले हो चुका था, लेकिन बैंक अधिकारियों और बिचौलियों ने मिलकर उनकी भूमि के फर्जी दस्तावेज तैयार किए और तीन लाख रुपए का किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर ऋण ले लिया।
अफसर जब हाल ही में धौरहरा तहसील में अपनी पुश्तैनी जमीन की दाखिल-खारिज करवाने के लिए कागजात निकलवाने पहुंचे, तो उन्हें यह देखकर धक्का लगा कि उनकी जमीन को आर्यावर्त बैंक शाखा सुजानपुर के पक्ष में 24 मार्च 2023 को बंधक के रूप में दर्ज किया गया था। इस धोखाधड़ी के बाद अफसर ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
पढ़ुआ थानाध्यक्ष निराला तिवारी ने बताया कि पुलिस ने पीड़ित की तहरीर प्राप्त कर ली है और मामले की जांच की जा रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Author: samachar
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