Explore

Search
Close this search box.

Search

December 4, 2024 11:14 am

लेटेस्ट न्यूज़

‘जाकिर नाइक’ अब अपने हिसाब से कुरान की आयतों का मतलब गढ़ रहे हैं👇वीडियो देखिए

40 पाठकों ने अब तक पढा

अरमान अली की रिपोर्ट

विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक मौलाना जाकिर नाइक एक बार फिर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं। हाल ही में उनका एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने कुरान की आयत का हवाला देते हुए कहा है कि “अगर कोई पुरुष किसी सुंदर स्त्री को देखता है और उसके दिमाग में हलचल नहीं होती है, तो वह मानसिक रूप से बीमार है और उसे साइकेट्रिस्ट से परामर्श करना चाहिए।”

उन्होंने कुरान की आयत नंबर 30 का जिक्र करते हुए दावा किया कि “अगर कोई पुरुष 20 मिनट तक किसी महिला को घूरने के बाद भी कामुकता महसूस नहीं करता, तो वह मानसिक रूप से अस्वस्थ है।” उनके इस बयान ने व्यापक बहस और आक्रोश को जन्म दिया है।

सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया

जाकिर नाइक के इस बयान पर सोशल मीडिया पर त्वरित और तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग उनके इस बयान को बेहद आपत्तिजनक और गलत ठहरा रहे हैं। कई लोगों ने कहा कि ऐसे बयानों से नाइक इस्लाम की गलत व्याख्या कर रहे हैं और समाज में विकृत मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं।

ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #HawasKaMoulana जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “इसे स्कॉलर नहीं, हवस का मौलाना कहना चाहिए।” वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, “इस तरह की सोच समाज को गलत दिशा में ले जाती है। महिलाओं के प्रति ऐसे विचारधारा को बढ़ावा देना शर्मनाक है।”

धार्मिक विद्वानों की प्रतिक्रिया

जाकिर नाइक के इस बयान पर कई इस्लामिक विद्वानों और धर्मगुरुओं ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि कुरान महिलाओं के प्रति आदर और सम्मान की बात करती है, न कि किसी पुरुष की मानसिकता को इस तरह परिभाषित करने की।

कई धर्मगुरुओं ने नाइक के इस बयान की निंदा की और कहा कि इस तरह के विचारधाराएं इस्लाम के सही संदेश को कमजोर करती हैं।

विवादों में रहते हैं मौलाना जाकिर नाइक

यह पहली बार नहीं है जब मौलाना जाकिर नाइक अपने बयानों के चलते विवादों में आए हैं। इससे पहले भी उन्होंने धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर विवादास्पद बयान दिए हैं, जिसके चलते उन्हें कई देशों में प्रतिबंधित भी किया जा चुका है।

उनके हालिया बयान ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या उनके बयानों का इस्लाम के साथ कोई सटीक संबंध है या वह केवल अपनी व्यक्तिगत सोच को धर्म की आड़ में पेश कर रहे हैं।

जाकिर नाइक के इस बयान से एक बार फिर यह साबित हुआ है कि उनकी सोच और व्याख्या पर समाज के एक बड़े वर्ग में आक्रोश और निराशा है। उनके ऐसे बयानों से समाज में गलतफहमी और असहमति को बढ़ावा मिलता है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़