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November 21, 2024 10:45 pm

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परिवार का रसूख बनाए रखने के लिए सियासत में रखा था कदम : भाजपा की दमदार नेता नीलम करवरिया का निधन

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

प्रयागराज: बीजेपी के दमदार नेताओं में शामिल मेजा विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक नीलम करवरिया का गुरुवार देर रात निधन हो गया। उनके निधन से प्रयागराज के यमुना पार में ही नहीं पूरे प्रयागराज और आसपास के जनपदों के शुभचिंतकों पार्टी से जुड़े लोगों में शोक की लहर दौड़ गई। नीलम करवरिया के निधन पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने शोक व्यक्त किया।

प्रयागराज की मेजा विधानसभा क्षेत्र की पूर्व विधायक नीलम करवरिया का गुरुवार देर रात निधन हो गया। नीलम करवरिया बीजेपी की एक महत्वपूर्ण नेता थीं, और उनके निधन से पूरे प्रयागराज और आसपास के इलाकों में शोक की लहर दौड़ गई है। बताया जा रहा है कि वे लंबे समय से लीवर की बीमारी से पीड़ित थीं और उनका इलाज हैदराबाद के किम्स सनसाइन अस्पताल में चल रहा था।

पिछले दो दिनों से वे अस्पताल में भर्ती थीं, और इलाज के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आ गया था। इसके बाद उनका ब्लड प्रेशर कम हो गया और स्थिति बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन हालत में सुधार नहीं हो पाया और देर रात उनका निधन हो गया।

नीलम करवरिया का ताल्लुक एक बड़े राजनीतिक परिवार से था। उनके पति उदयभान करवरिया भी दो बार मेजा से विधायक रह चुके हैं। उनके जेठ कपिलमुनि करवरिया फूलपुर से सांसद रहे थे, और देवर सूरजभान करवरिया विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। करवरिया परिवार का उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा कद रहा है, और उनकी दबंग छवि के कारण वे चर्चित रहे हैं।

नीलम करवरिया का पार्थिव शरीर एयर एम्बुलेंस से प्रयागराज लाया जाएगा, जहां उनके कल्याणी देवी स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। उनका अंतिम संस्कार शनिवार 28 सितंबर को रसूलाबाद घाट पर होगा।

नीलम करवरिया ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मेजा विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की थी। हालांकि, 2022 के चुनाव में उन्हें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी संदीप सिंह पटेल से मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा था। 2017 के चुनाव में उन्होंने 67,807 वोट हासिल कर सपा के रामसेवक सिंह पटेल को 19,843 वोटों से हराया था, लेकिन 2022 में उन्हें 3,439 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

नीलम करवरिया ने अपने पति उदयभान करवरिया के जेल जाने के बाद राजनीति में कदम रखा और अपने पति की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। उन्होंने मेजा विधानसभा क्षेत्र में अपने पति के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए क्षेत्र में काफी लोकप्रियता हासिल की। वे लगातार क्षेत्र में लोगों के संपर्क में रहती थीं और उनकी समस्याओं को हल करने के प्रयास करती थीं।

उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।

नीलम करवरिया की कार्यप्रणाली से मेजा के लोग बहुत तेजी से इनसे जुड़ना शुरू कर दिए थे। नीलम करवरिया सभी के सुख-दुख में हिस्सा लेती थीं। 

प्रयागराज की मेजा विधानसभा सीट सपा नेता कुंवर रेवती रमण सिंह का गढ़ माना जाता था। इस विधानसभा सीट पर रेवती रमण का सिक्‍का चलता थाथा। हालांकि, नीलम करवरिया के चुनाव मैदान में उतरने के बाद उनकी पकड़ इस सीट पर कमजोर पड़ गई। 2017 के विधानसभा चुनाव में नीलम करवरिया ने सपा प्रत्‍याशी राम सेवक पटेल को 20 हजार वोटों से हराया था। एमए तक शिक्षा प्राप्‍त करने वाली नीलम करवरिया मेजा सीट से पहली महिला विधायक चुनी गई थीं। 

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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