Explore

Search
Close this search box.

Search

December 2, 2024 10:16 pm

लेटेस्ट न्यूज़

सीडीओ की अध्यक्षता में श्रम विभागीय कार्यों की समीक्षा: बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी और श्रम सेस पर हुई विस्तृत चर्चा

18 पाठकों ने अब तक पढा

इरफान अली लारी की रिपोर्ट

देवरिया : मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रत्यूष पाण्डेय की अध्यक्षता में विकास भवन के गांधी सभागार में श्रम विभाग द्वारा किए जा रहे विभिन्न विभागीय कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी और श्रम बंधु से संबंधित कार्यों की गहन समीक्षा की गई।

मुख्य विकास अधिकारी ने श्रम सेस (लेबर सेस) देने वाले विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे श्रम विभाग के साथ समन्वय स्थापित करें और फीडिंग की प्रक्रिया को सुनिश्चित करें। उन्होंने श्रम प्रवर्तन अधिकारी को निर्देशित किया कि निजी क्षेत्रों में चल रहे निर्माणाधीन भवनों का निरीक्षण कर लेबर सेस की वसूली सुनिश्चित करें और उन भवनों पर कार्यरत श्रमिकों का पंजीकरण भी सुनिश्चित कराएं। इसके साथ ही श्रमिकों के पंजीकरण के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने की बात भी कही गई।

बाल श्रम उन्मूलन समिति के सदस्यों से अपील की गई कि वे बाल श्रमिकों की पहचान करें और श्रम विभाग को इसकी सूचना दें, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।

बैठक के दौरान श्रम प्रवर्तन अधिकारी शशि सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में एक अभियान के तहत 22 प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत 26 बाल और किशोर श्रमिकों को रेस्क्यू किया गया और उन्हें सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के तहत लाभान्वित करने की प्रक्रिया शुरू की गई। साथ ही, दोषी प्रतिष्ठान मालिकों के खिलाफ सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) कोर्ट में अभियोजन दायर किया गया है। बंधुआ मजदूरी के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि जनपद में किसी भी बंधुआ मजदूरी की शिकायत नहीं मिली है।

श्रम विभाग की योजनाओं के तहत, उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत निर्माणाधीन और बड़े रिहायशी भवनों पर श्रम सेस जमा कराना अनिवार्य है। 10 लाख रुपये या उससे अधिक की निर्माण लागत वाले निजी आवासों पर भी यह नियम लागू होता है। 1996 के इस अधिनियम के तहत, निर्माण शुरू होने के 60 दिनों के भीतर अधिष्ठान का पंजीकरण कराना और निर्माण समाप्ति के 30 दिनों के भीतर कुल निर्माण लागत का 1% श्रम सेस के रूप में जमा करना आवश्यक है।

श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 3,30,29,958 रुपये श्रम उपकर के रूप में जमा किए जा चुके हैं। इस धनराशि की फीडिंग संबंधित विभाग द्वारा श्रम कल्याण बोर्ड के पोर्टल पर की जाएगी।

इस अवसर पर समिति के अन्य सदस्य, जैसे देवेन्द्र नाथ पाण्डेय (स्वामी विवेकानंद संस्था, देवरिया), सावित्री राय (अंकित सेवा संस्थान, बरहज, देवरिया), डॉ. सौरभ श्रीवास्तव, नथुनी प्रसाद नीरज, और श्रम प्रवर्तन अधिकारी दिनेश कुमार भी उपस्थित रहे।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़