अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के टूटने को लेकर बीएसपी प्रमुख मायावती से लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की तरफ से लगातार बयानबाजी हो रही है। इस बीच शनिवार को अखिलेश यादव ने कहा कि फोन करना या नहीं उठाना छोटी बात होती है। उन्होंने यह भी कहा कि वे कहते थे कि सपा और बसपा का गठबंधन देश की राजनीति को बदला देगी लेकिन कुछ परिस्थिति के चलते गठबंधन टूट गया।
दरअसल, लखनऊ में सपा कार्यालय में हिंदी दिवस कार्यक्रम के दौरान अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया और एक बार फिर मायावती पर बीएसपी पर धोखा देने का आरोप लगाया है। अखिलेश ने कहा है कि जब गठबंधन टूटने की खबर मिली तो उनके साथ मंच पर बसपा के एक पुराने नेता बैठे थे। अखिलेश ने कहा कि हमें भी ऐसे ही धोखा मिला था, आपको भी धोखा मिल गया।
अखिलेश बोले – नहीं उठाया मेरा फोन
अखिलेश यादव ने मायावती द्वारा जारी एक बुकलेट में फोन न उठाने की बात को लेकर एक बार फिर कहा कि जिस दिन गठबंधन टूटा था, उस दिन सपा-बसपा के नेताओं के साथ वे आजमगढ़ में एक कार्यक्रम में मौजूद थे। अखिलेश ने कहा कि जब गठबंधन टूटने की खबर उनके पास पहुंची तो उन्होंने खुद फोन किया और पूछने की कोशिश की कि गठबंधन क्यों तोड़ा जा रहा है। अखिलेश ने कहा कि कई बार लोग अपने मन की बात छिपाने के लिए इस तरह की बात करते हैं।
बसपा नेताओं के साथ मंच पर थे अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा है कि बसपा-सपा गठबंधन ऐसा था जो बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और राम मनोहर लोहिया अपने जीवन काल में करना चाहते थे, वो नहीं कर पाए। अखिलेश ने कहा कि मैं कहता था कि सपा-गठबंधन देश की राजनीति बदल देगा लेकिन फिर गठबंधन नहीं चल पाया। बात बहुत छोटी है कि किसने किसका फोन नहीं उठाया, किसने किसको फोन किया। उस समय का रिकॉर्ड आपके पास होगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि मेरे मंच पर मेंरे बगल में बसपा के बहुत पुराने नेता बैठे थे। जिस समय मुझे सूचना मिली कि सपा बसपा गठबंधन तोड़ दिया गया है, तो सबसे पहले उनसे पूछा कि हमें और क्या करना चाहिए।
मायावती ने जारी किया था बसपा का बुकलेट
बता दें कि मायावती ने बसपा कार्यकर्ताओं के लिए एक बुकलेट जारी किया था, जिसमें बसपा के गठन से अब तक की बात उन्होंने अपने मन की बात लिखी है। इसी बुकलेट में मायावती ने दावा किया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अखिलेश यादव ने उनका और बसपा के दूसरे नेताओं का फोन उठाना बंद कर दिया था। इसलिए स्वाभिमान की रक्षा के लिए उन्होंने गठबंधन तोड़ दिया।
मायावती ने यूपी में चर्चा में आई उस किताब में कहा कि सपा में एक जाति विशेष के अलावा किसी पीडीए के लिए कोई जगह नहीं है। ब्राह्मण समाज को भी मायावती ने सचेत करने की कोशिश की है।
Author: samachar
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