संजय कुमार वर्मा की रिपोर्ट
गोरखपुर: यूपी के सियासी गलियारे में हलचल मचाने वाले कवयित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में शामिल शूटर प्रकाश पांडेय का निधन हो गया है।
वह पिछले कुछ वर्षों से मुंह के कैंसर से जूझ रहे थे और लखनऊ के पीजीआई में उनका इलाज चल रहा था। कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद, उन्होंने वहां दम तोड़ दिया। उनके शव का अंतिम संस्कार गोरखपुर के राजघाट पर किया गया।
प्रकाश पांडेय, जो गोरखपुर के शाहपुर थाने के चरगांवा निवासी थे, पिछले दो वर्षों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे थे। उनका ऑपरेशन भी हुआ था और उनके पेट में तरल पदार्थ देने के लिए एक नली लगाई गई थी। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा, छोटा भाई, मां और अन्य रिश्तेदार शामिल हैं।
मधुमिता शुक्ला हत्या कांड में प्रकाश पांडेय को 2003 में आरोपित किया गया था। इस कांड में पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधु त्रिपाठी के साथ उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि, प्रकाश ने पांच साल जेल की सजा काटी और बाद में सुप्रीम कोर्ट से जमानत प्राप्त की। सेशन कोर्ट ने उसे बरी कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने उसे दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए प्रकाश को बरी कर दिया और 2013 से वह बाहर था।
सीबीआई जांच के दौरान कई गवाहों को धमकाया गया था, जिसके बाद मधुमिता की बड़ी बहन निधि शुक्ला की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने मुकदमा देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया।
देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधु त्रिपाठी, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, लेकिन प्रकाश पांडेय को बरी कर दिया गया था।
Author: samachar
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