जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
हाल ही में शासन द्वारा 29 आईएएस अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया, जिसमें कई जिलों के जिलाधिकारियों को बदल दिया गया है।
इस फेरबदल के तहत आजमगढ़ के नए जिलाधिकारी के रूप में नवनीत सिंह चहल को नियुक्त किया गया है, जबकि वर्तमान जिलाधिकारी विशाल भारद्वाज को कुशीनगर का जिलाधिकारी बनाया गया है।
नवनीत सिंह चहल, जो पहले प्रयागराज के जिलाधिकारी थे, इससे पहले अमरोहा, चंदौली, आगरा और मथुरा के भी जिलाधिकारी रह चुके हैं।
नवनीत सिंह चहल का जन्म 14 मई 1984 को हरियाणा के पानीपत जिले में एक शिक्षित और संपन्न परिवार में हुआ। उनके पिता सत्यपाल सिंह चहल नैशनल फर्टिलाइजर लिमिटेड, पानीपत इकाई में अधिकारी थे, जबकि माता परवीन चहल इतिहास की लेक्चरर थीं।
नवनीत की शिक्षा के प्रति रुचि और उच्च आदर्श उन्हें परिवार से मिले। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा में 12वीं कक्षा तक टॉप किया और पीईसी चंडीगढ़ से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद एमडीआई, गुरुग्राम से फाइनेंस और मार्केटिंग में एमबीए किया और पेरिस से फाइनेंस मैनेजमेंट की डिग्री भी हासिल की।
उन्होंने अमेरिका से चार्टर्ड फाइनेंशियल एनालिस्ट (CFA लेवल 2) की परीक्षा उत्तीर्ण की और न्यूयॉर्क और मुंबई में फाइनेंशियल एनालिस्ट के पद पर तीन साल तक काम किया। लेकिन देश की सेवा करने की इच्छा ने उन्हें सिविल सर्विस की ओर प्रेरित किया।
नवनीत ने 2011 में UPSC परीक्षा उत्तीर्ण की और भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में उत्तर प्रदेश कैडर प्राप्त किया।
नवनीत सिंह चहल की पहली नियुक्ति बहराइच जिले में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई। इसके बाद वे मेरठ में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट और चीफ डेवलपमेंट ऑफिसर (CDO) बने, जहां उन्होंने कई विकास योजनाओं को लागू किया।
उनकी अगुवाई में गरीबों और जरूरतमंदों को आवास, पेंशन योजनाओं, शौचालय निर्माण और सोलर लाइट्स जैसी सुविधाओं का लाभ मिला।
झांसी में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर रहते हुए उन्होंने सरकारी योजनाओं को गांवों में तेजी से लागू करवाया और किसानों को योजनाओं से जोड़ा।
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2017 में नवनीत सिंह चहल को अमरोहा का जिलाधिकारी नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने खाद्यान्न वितरण में धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की और वृक्षारोपण के माध्यम से जिले को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने का प्रयास किया।
उन्होंने जिले में स्वच्छता अभियान को भी बढ़ावा दिया, खासकर ‘तिगरी मेला’ के दौरान 30,000 से अधिक छात्रों की मानव श्रृंखला बनाकर खुले में शौच के खिलाफ जनजागरण किया।
मार्च 2018 में उन्हें चंदौली जिले का जिलाधिकारी बनाया गया, जहां उनके प्रयासों से ‘ब्लैक राइस’ की खेती को बढ़ावा मिला, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई।
उन्होंने ‘शिक्षित एवं सुपोषित चंदौली’ योजना की शुरुआत की, जिसमें स्वयंसेवक शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा में सुधार हुआ। इसके साथ ही उन्होंने लोगों को कुपोषित बच्चों को गोद लेने के लिए प्रेरित किया, जिससे कुपोषण के खिलाफ अच्छे परिणाम सामने आए।
नवनीत सिंह चहल के नेतृत्व में चंदौली ने स्वास्थ्य, पोषण, रोजगार और मनरेगा जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की। नीति आयोग की रैंकिंग में चंदौली के उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण जिले को केंद्र सरकार से 10 करोड़ रुपये का इनाम मिला। चंदौली को लंबे समय तक कोरोना मुक्त रखने के लिए भी उनकी काफी प्रशंसा हुई।
फेम इंडिया और एशिया पोस्ट द्वारा किए गए सर्वे में नवनीत सिंह चहल को उनकी दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, निर्णय लेने की क्षमता, जवाबदेह कार्यशैली और व्यवहार कुशलता के आधार पर ‘व्यवहार कुशल’ श्रेणी में प्रमुख स्थान मिला।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."